Success Story: “जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी” — कबाड़ बेचने वाले की बेटी को Microsoft में 55 लाख का पैकेज

Success Story: हरियाणा की सिमरन, एक कबाड़ी की बेटी, ने IIT मंडी से पढ़ाई कर माइक्रोसॉफ्ट में 55 लाख का पैकेज हासिल किया. उसकी मेहनत, लगन और संघर्ष की कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा है. इंटर्नशिप में 'बेस्ट इंटर्न' बनकर उसने खुद को साबित किया. अब वह अपने पूरे गांव की शान बन गई है.

By Govind Jee | July 4, 2025 6:32 PM
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Success Story in Hindi: हरियाणा के हिसार जिले के बालसमंद गांव की 21 साल की सिमरन ने वो कर दिखाया है, जो लाखों का सपना होता है. कबाड़ बेचने वाले पिता की बेटी सिमरन को माइक्रोसॉफ्ट, हैदराबाद में 55 लाख रुपये सालाना पैकेज पर नौकरी मिली है. सिमरन की इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है, तो गांववालों में भी गर्व की लहर दौड़ पड़ी है. 

कैसा रहा सिमरन का करियर 

सिमरन के पिता राजेश कुमार घर-घर जाकर पुराने सामान के बदले बर्तन देते हैं.  कभी उनकी कमाई 5 रुपये होती है तो कभी 300 रुपये. दो कमरों के छोटे से मकान में सिमरन अपने माता-पिता, दो बहनों ममता और मुस्कान, और छोटे भाई हर्षित के साथ रहती हैं. मुश्किल हालात के बावजूद उसने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत की. 

Success Story in Hindi: पहले ही प्रयास में JEE पास, IIT में एडमिशन

साल 2021 में सिमरन ने पहले ही प्रयास में JEE परीक्षा पास की और IIT मंडी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में दाखिला लिया. हालांकि उसकी दिलचस्पी आईटी सेक्टर में थी, इसलिए उसने कंप्यूटर साइंस को ऐड-ऑन विषय के तौर पर पढ़ाई जारी रखी. 

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इंटर्नशिप के दौरान मिला ‘बेस्ट इंटर्न’ का अवॉर्ड

आईआईटी के कैंपस प्लेसमेंट में सिमरन को माइक्रोसॉफ्ट, हैदराबाद में दो महीने की इंटर्नशिप मिली.  वहां 300 छात्रों में से उसे ‘बेस्ट इंटर्न’ का अवॉर्ड मिला. खास बात ये रही कि माइक्रोसॉफ्ट के विदेशी हेड पहली बार अमेरिका से भारत आए और सिमरन को खुद सम्मानित किया. इसके बाद उसका नाम कंपनी की फाइनल सलेक्शन लिस्ट में शामिल हो गया. 

सिमरन की मां कविता ने बताया, “मैंने सिर्फ 12वीं तक पढ़ाई की है और सिमरन को सातवीं कक्षा तक खुद पढ़ाया. फिर उसे आगे की पढ़ाई के लिए हिसार भेजा. आज उसकी मेहनत रंग लाई. हमें उस पर बहुत गर्व है.” पिता राजेश कुमार ने कहा, “हम दो कमरे में रहते हैं और मैं रोज कबाड़ लेकर घर चलता हूं. बच्चों की परवरिश में जो बन पड़ा, किया. आज सिमरन की सफलता हमारे लिए भगवान का आशीर्वाद है.”

कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने कहा, “बेटियां किसी से कम नहीं हैं. अगर परिवार साथ दे, तो वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकती हैं. सिमरन की सफलता पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है. 4 जुलाई को उसे बालसमंद गांव में सम्मानित किया जाएगा. बाकी बेटियों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी. ”

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