पिता का सपना बना मिशन (UPSC Success Story in Hindi)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिननू केरल के एक छोटे गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता राज्य पुलिस में अधिकारी थे लेकिन ड्यूटी के दौरान उनका देहांत हो गया. पिता की इच्छा थी कि बेटी एक दिन सिविल सेवक बने. इस सपने को पूरा करने की जिम्मेदारी मिननू ने अपने कंधों पर ले ली.
क्लर्क से UPSC तक का सफर (UPSC Success Story in Hindi)
अपने पिता की मृत्यु के बाद मिननू दया के आधार पर पुलिस विभाग में क्लर्क बनीं. इसी दौरान उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स किया, जिसमें उन्हें दूसरी रैंक मिली. नौकरी के साथ-साथ UPSC की तैयारी करना आसान नहीं था, खासकर तब जब वे शादीशुदा थीं और एक बेटे की मां भी.
मेहनत, धैर्य और संघर्ष से मिली सफलता (UPSC Success Story in Hindi)
2015 में मिननू ने UPSC की तैयारी शुरू की और कई वर्षों की मेहनत के बाद 150वीं रैंक के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली. उन्होंने प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू तीनों को बिना कोचिंग खुद की मेहनत से क्लियर किया. उनका परिवार, खासकर उनके पति जो ISRO में अधिकारी हैं और इस यात्रा में उनके साथ खड़े रहे.
संघर्ष ही असली शक्ति है..(UPSC Success Story in Hindi)
मिननू जोशी की कहानी हर उस महिला के लिए मिसाल है जो शादी, बच्चे या सीमित संसाधनों की वजह से अपने सपनों से समझौता कर बैठती है. उनका सफर यह दिखाता है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं.
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