Aamir Khan At Waves Summit 2025:आमिर खान का खुलासा चीन के साथ मिलकर फिल्म बनाने की है प्लानिंग

आमिर खान ने वेव्स समिट 2025 में हालिया हिंदी फिल्मों की असफलता पर बातचीत करने के साथ -साथ चीन के साथ मिलकर फिल्म बनाने के फैसले के बारे में भी बताया

By Urmila Kori | May 3, 2025 1:41 AM
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aamir khan at waves summit 2025: वेव्स समिट 2025, वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट है,जो 1 मई, 2025 से 4 मई, 2025 तक मुंबई में चलने वाला है, इसका उद्देश्य दुनिया भर के स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी के साथ भारत के मीडिया और मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा देना है. इस समिट के दूसरे दिन यानी 2 मई का मुख्य आकर्षण अभिनेता, निर्माता और निर्देशक आमिर खान की मौजूदगी रही. आमिर इस समिट में एक नहीं बल्कि दो सत्र का हिस्सा बनें.  ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड स्टूडियो मैप’ विषय पर आयोजित इस सत्र में कई अहम् मुद्दों के बारे में बात करते हुए आमिर ने बॉलीवुड फिल्मों की हालिया नाकामयाबी पर भी बात की. उन्होंने इसकी सबसे अहम वजह सिनेमा थिएटर की भारी कमी को बताया. अभिनेता ने कहा कि मेरा  हमेशा से मानना रहा है कि देश के क्षेत्रफल और लोगों की संख्या के हिसाब से हमारे पास बहुत कम सिनेमाघर हैं. पूरे भारत की बात करें तो हमारे पास करीब 10,000 स्क्रीन हैं. मैं बताना चाहूंगा कि अमेरिका जो हमारी आबादी का एक तिहाई है, उनके पास 40,000 स्क्रीन हैं और चीन में 90,000 स्क्रीन हैं. पूरे भारत में  10,000 स्क्रीन हैं. खास बात है कि आधी दक्षिण भारत में और बचे हुए आधे पूरे भारत में हैं.मतलब साफ़ है कि एक हिंदी फिल्म के लिए आपके पास अधिकतम 5,000 स्क्रीन हैं. अगर गणित लगाए तो पिछले कुछ सालों में हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्म को सिनेमाघरों में मात्र तीन करोड़ लोगों ने देखा है. यह हमारी पूरी आबादी का केवल 2 प्रतिशत है. इस आंकड़े से हम समझ सकते हैं कि हमें ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचने के लिए थिएटर की जरूरत है.

फिल्मों की नाकामयाबी के लिए ओटीटी भी जिम्मेदार 

इस सत्र में फिल्मों  की असफलता के लिए आमिर  खान ने ओटीटी को भी जिम्मेदार ठहराया. आमिर खान ने  तर्क दिया कि जब कोई फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने के सिर्फ 45 दिनों के भीतर किसी भी ओटीटी पर दर्शकों के लिए उपलब्ध हो जाती है, तो लोगों के थिएटर जाने की संभावना कम हो जाती है. थिएटर और ओटीटी रिलीज के बीच की अवधि बहुत छोटी है. आप अपना खुद का बिजनेस  खत्म कर रहे हैं. मुझे पता है कि बहुत लोग बोलेंगे कि अच्छी फिल्में नहीं बन रही हैं इसलिए लोग थिएटर नहीं जा रहे हैं.  फिल्म अच्छी या बुरी बन रही है. यह अलग मुद्दा है लेकिन यहां उसकी बात नहीं हो रही है. यहां बात फिल्मों के बिजनेस मॉडल की हो रही है और मौजूदा दौर में उसमें बहुत सारी खामियां हैं.गौरतलब है कि  ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन वर्ल्ड स्टूडियो मैप’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान आमिर ने मौजूदा केंद्र सरकार की तारीफ की. उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि केंद्र की किसी सरकार ने हमारे बारे में सोचा है.यह सभी भाषाओं के भारतीय फिल्म मेकर्स के लिए एक बड़ा अवसर है.

चीन के साथ मिलकर फिल्म बनाना चाहता हूं

 समिट के दूसरे दिन के दूसरे सत्र “इंडियन सिनेमा ओरिएण्टल लुक “का भी हिस्सा आमिर खान बनें थे. इस सत्र में भारत और चाइना के सिनेमा के आपसी सहयोग पर बात की. आमिर ने बताया बीते एक दशक में उनकी कई फिल्में चीन में रिलीज हुई हैं.दंगल ने तो रिकॉर्ड तोड़ कमाई की थी.आमिर बताते हैं कि चीन के दर्शक भारतीय फिल्मों से इमोशनली कनेक्ट होते हैं.इससे अच्छी बात क्या हो सकती है. इस सत्र के दौरान जिस बात ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, वह यह थी कि आमिर ने इस मंच पर खुलासा किया कि वह एक अरसे से चीन के साथ मिलकर फिल्म बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि वेव्स समिट इस बातचीत को एक पायदान ऊपर ले जायेगी.आमिर ने आगे बताया कि चीन के साथ सहयोग करना दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद होगा.  सिर्फ़ रचनात्मक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी. दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी भारत और चीन की है.अगर यही दो हमारे दर्शक होंगे तो दुनिया की आधी आबादी हमारी दर्शक बन जायेगी. इससे अच्छी बात और क्या होगी.

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