Anuj sachdeva :इस वजह से एक्टर्स को कभी नहीं लेनी चाहिए ईएमआई

अभिनेता अनुज सचदेवा ने इस इंटरव्यू में वेब सीरीज छल कपट द डिसेप्शन के अलावा नेपोटिज्म सहित कई पहलुओं पर बात की है

By Urmila Kori | June 21, 2025 9:15 PM
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anuj sachdeva :ओटीटी प्लेटफॉर्म जी 5 पर इनदिनों वेब सीरीज ‘छल कपट द डिसेप्शन’स्ट्रीम कर रही है. इस इस क्राइम थ्रिलर सीरीज में अभिनेता अनुज सचदेवा, विक्रम की भूमिका में हैं. उन्होंने सीरीज की शूटिंग के अनुभव और इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर उर्मिला कोरी से खुलकर बातचीत की.पेश है बातचीत के प्रमुख अंश

राघव चड्ढा बने प्रेरणा

सीरीज में पॉलिटिशियन के बेटे का किरदार में हूं. मेकर्स ने मुझे राघव चड्ढा जी की स्पीच पर ध्यान देने को कहा गया था. किस लहजे से वह बात करते हैं. निर्देशक अजय ने मेरे लुक पर काम किया है. उन्होंने मुझे खुद सैलून ले जाकर लुक तैयार किया था. शार्प तरीके से मेरी दाढ़ी को ट्रिम किया गया था. मैंने इससे पहले ऐसा लुक कभी नहीं

छोटे-छोटे कीड़ों ने किया मुझे परेशान

आजकल शूटिंग बहुत हेक्टिक हो गयी है, क्योंकि बहुत कम दिनों में शूटिंग होती है. बजट बहुत कम हो गया है. ऐसे में टीवी की ट्रेनिंग काम आती है. हमने 12 घंटे काम किया है, तो यहां भी हम उसी तरह से काम कर लेते हैं. शूटिंग से जुड़ी दिक्कत की बात करूं, तो आपको हंसी आ जायेगी. हमने पंचगनी में शूटिंग की है. वहां स्ट्रॉबेरी के बहुत प्लांट्स हैं, जिससे वहां छोटे-छोटे कीड़े, जिन्हें फ्रूट फ्लाइज भी कहा जाता है, वह होते थे. चूंकि शूट आउटडोर था, तो वो पूरे क्रू में सिर्फ मेरी आंखों के सामने ही मंडराते रहते थे. कई दिनों बाद पता चला कि मेरे बालों के जेल में फ्रूट का मिक्चर था, जिसकी वजह से वह कीड़े आते थे. उनकी वजह से आंखें खोलना मुश्किल था, पर शूटिंग करना पड़ता था.

फिल्मों में काम तभी मिलेगा, जब स्टारकिड हो

जहां तक इस सीरीज़ से जुड़ने की बात है, तो मैंने खुद सामने से निर्देशक से बात की थी. इतने साल इंडस्ट्री में काम करने के बावजूद कई बार काम के लिए खुद पहल करनी पड़ती है. यह थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन करना पड़ता है. मैं कॉल करके काम नहीं मांग पाता, लेकिन मैसेज कर देता हूं. वैसे कोविड के बाद मैंने खुद के साथ-साथ किसी को भी जज करना छोड़ दिया है. पता नहीं इंसान को कब किस चीज की जरूरत पड़ जाये. इंडस्ट्री की दिक्कत ये भी है कि नेपोटिज्म रगो में घुस चुका है. फिल्मों में काम तभी मिलेगा, जब स्टारकिड हो. वैसे जिस तरह से थिएटर में फिल्में नहीं चल रही हैं, जल्द ही रिसेट बटन दबेगा.

गिल्टी माइंड का इस वजह से हिस्सा नहीं बना

अपने करियर में मैंने बहुत उतार-चढ़ाव देखा है. बहुत रिजेक्शन झेला है. फिल्मों का हिस्सा बनते-बनते नहीं बना. राजी में विक्की कौशल वाला किरदार के लिए मुझे चुना गया था, लेकिन फिर मालूम पड़ता है कि मैं नहीं हूं. अमेजन की वेब सीरीज गिल्टी माइंड के लिए मैंने ऑडिशन दिया था. कास्टिंग डायरेक्टर ने कहा कि आपसे अच्छा ऑडिशन किसी ने नहीं दिया है. आपका ही होगा. मैं दिल्ली अपनी मां से मिलने जाने वाला था. कास्टिंग डायरेक्टर ने मुझे रुकने को कहा. दो दिन बाद फिर मुझे फाइनल राउंड के लिए बुलाया गया. मैं गया सब अच्छा रहा. बोले-जल्दी बुलायेंगे, लेकिन कई दिन बीत गये. मैंने कास्टिंग डायरेक्टर को कॉल किया. उसने कहा कि आपका नाम ही फाइनल था, लेकिन चैनल ने एक अलग नाम दे दिया. उनका कहना था कि इसने महेश भट्ट की फिल्म की है और उनकी फिल्म ओटीटी पर भी आयी है.

एक्टर्स को ईएमआई नहीं लेनी चाहिए

मुझे लगता है कि एक्टर्स को कभी भी ईएमआई नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि एक्टर्स क्रिएटिव फील्ड से होते हैं. ईएमआई के चक्कर में एक्टर्स को मन मारकर कुछ ऐसा करना पड़ता है, जो आमतौर पर वह ना लें. उसका मजाक बनाये. अपनी बात करूं तो मेरे पिता का बिजनेस है. पैसों की दिक्कत नहीं, लेकिन मेरे पिताजी का यह डंडा रहता है कि मुझसे दूर रहे तो क्या कमाया तो हर साल कुछ अच्छा कमाने का प्रेशर रहता है

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