‘चिट्ठी आई है’ गीत गाने के इच्छुक नहीं थे Pankaj Udhas, महेश भट्ट ने रोचक किस्से किए शेयर
Pankaj Udhas: महेश भट्ट ने कहा कि पंकज उधास का नाम पटकथा लेखक सलीम खान ने सुझाया था. फिल्मकार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे गीत के लिए गजल गायक को मनाने में सफल हुए और आखिरकार यह गीत फिल्म की जान बन गया.
By Agency | February 27, 2024 5:59 PM
Pankaj Udhas: जिस फिल्मी गीत ‘चिट्ठी आई है’ ने रातोंरात गजल गायक पंकज उधास को हिंदी फिल्म उद्योग में कीर्ति के शिखर पर पहुंचा दिया, दरअसल वह शुरू में इस गाने को गाने के लिए तैयार ही नहीं थे और इसके लिए उन्हें राजी करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ी थी. यह खुलासा मशहूर फिल्मकार महेश भट्ट ने किया. यह गाना महेश भट्ट की ही फिल्म ‘नाम’ का है. ‘चिट्ठी आई है’ गीत से उधास को प्रसिद्धि मिली और 1986 की फिल्म ‘नाम’ के इस गीत के जरिये उनकी विशेष पहचान बनी. बता दें कि पंकज उधास का 72 साल की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमार थे.
किसने रखा पंकज उधास का नाम महेश भट्ट ने कहा कि पंकज उधास का नाम पटकथा लेखक सलीम खान ने सुझाया था. फिल्मकार ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वे गीत के लिए गजल गायक को मनाने में सफल हुए और आखिरकार यह गीत फिल्म की जान बन गया. फिल्म में उधास खुद एक समारोह में ‘चिट्ठी आई है’ गीत गाते हुए दिखाई देते हैं. यह गीत आनंद बक्शी ने लिखा था और संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने तैयार किया था.
महेश भट्ट ने पंकज उधास को लेकर कही ये बात महेश भट्ट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ” उधास एक गायक थे और उन्होंने सामने बैठे दर्शकों के लिए गाना गाया था. इसको लेकर वह शुरू में अनिच्छुक थे. वह (उधास) इस बात को लेकर असमंजस में थे कि क्या वह इसे ठीक से कर पाएंगे. हम उनकी जगह किसी और को नहीं दिखाना चाहते थे. मैंने उनसे बस इतना कहा (सोचिए) कि आप सिंगापुर या लंदन में अपना कोई शो कर रहे हैं और मंच पर गाना गा रहे हैं. यही एकमात्र तरीका था, जिससे हम गाना शूट कर पायेंगे.”
पंकज उधास से जुड़े किस्से महेश भट्ट ने किया साझा उन्होंने कहा, ”मुझे याद है कि मैं और सरोज खान (फिल्म में कोरियोग्राफर)- हम लंबे समय तक शूटिंग किया करते थे क्योंकि वह उन कलाकारों में शामिल नहीं थे जो टुकड़ों में शूटिंग करने के आदी हैं, बल्कि उन्हें जब लंबे समय के लिए प्रदर्शन करने का मौका मिलता था तब वह अपनी रौ में आ पाते थे.’’ निर्देशक ने कहा, ‘‘फिल्म ‘नाम’ के बारे में सोचिये और फिर ‘चिट्ठी आई है’ का ख्याल दिल में लाइए. आप धड़कन को दिल से अलग नहीं कर सकते.”
पंकज उधास की सादगी को बेहद पसंद करते थे महेश भट्ट महेश भट्ट ने कहा, ”मैं संजय दत्त से बातचीत कर रहा था और हम दोनों गीत की शूटिंग के उन दिनों को याद कर रहे थे, खासकर उनकी (उधास) मौजूदगी के बारे में. वह (उधास) हवाई अड्डे से सीधा सेट पर आए और बिना रुके शूटिंग कर अपने शो के लिए निकल गये. उनके (उधास) जैसे व्यक्ति के साथ संपर्क होना मेरे लिए खुशकिस्मती है. उनकी सादगी दिल को छू लेने वाली थी और उनकी आवाज में भी उनकी वही सादगी झलकती थी.”
ये हैं पंकज उधास के मशहूर गजल पंकज उधास को तलत अजीज और जगजीत सिंह जैसे कलाकारों के साथ गजल गायकी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने अपनी पहली एलबम ‘आहट’ 1980 में जारी की थी और चार दशक के करियर में 50 से अधिक एलबम बनाई. ये उनके पार्श्व गायक के रूप में गाए गीतों से अलग थीं. उनके सबसे मशहूर गीतों और गजलों की बात करें तो ‘ना कजरे की धार’, ‘ऐ गमे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा’, ‘मैखाने से शराब से’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल’, ‘आज फिर तुम पे प्यार आया है’, ‘मोहब्बत इनायत करम देखते हैं’, ‘जानेमन करवटें बदल बदल’ प्रमुख हैं.