लंबी यात्रा में भी शो में बना परिवार जैसी टीम
शो की सफलता का राज सिर्फ इसकी कहानी ही नहीं, बल्कि इसके पीछे काम करने वाली मजबूत टीम भी है. प्रोड्यूसर असित कुमार मोदी और लेखकों की मेहनत ने गोकुलधाम सोसाइटी को एक ऐसे मोहल्ले की तरह पेश किया, जिससे हर दर्शक खुद को जोड़ पाता है. कलाकारों की सादगी, संवादों की सहजता और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े मुद्दों को हल्के-फुल्के अंदाज में दिखाना, इस शो की खास पहचान रही है. यह शो ना केवल हंसाता है, बल्कि रिश्तों की अहमियत भी समझाता है. सभी कलाकार एक परिवार की तरह काम करते हैं और यही कारण है कि यह शो 17 साल बाद भी उतना ही ताजा लगता है जितना पहले दिन था.
हर किरदार से जुड़ाव, हर एपिसोड में सीख
तारक मेहता के हर किरदार ने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई है. जेठालाल की परेशानियां, पोपटलाल की शादी की उम्मीद, भिड़े की अनुशासनप्रियता या बबिता की सौम्यता, हर किरदार अपने आप में अनोखा है. टप्पू सेना की मासूमियत भी बच्चों और बड़ों दोनों को पसंद आती है. यही वजह है कि दर्शक सिर्फ कहानियों से नहीं, बल्कि किरदारों से जुड़ जाते हैं. शो में चाहे छोटी गलतफहमियां हों या किसी सामाजिक मुद्दे पर मैसेज, हर एपिसोड कुछ सिखाने वाला होता है.
वर्षों से दर्शकों का साथ बना उम्मीदों की नई उड़ान
सोनी सब चैनल के बिजनेस हेड अजय भालवणकर ने इस मौके पर कहा कि ‘तारक मेहता’ ना सिर्फ एक शो है, बल्कि एक भावना है, जो हर भारतीय परिवार से जुड़ी है. यह शो आज भी जिस तरह देशभर में पसंद किया जा रहा है, वह इसकी सच्चाई और सकारात्मकता का प्रमाण है. आज जब बाकी सीरियल्स ड्रामे और नकारात्मकता से भरे होते हैं, तब ‘तारक मेहता’ जैसा शो लोगों को सुकून देता है.