Ayurvedic remedies of diabetes: अपने आहार के जरिये शुगर कंट्रोल में रख सकते हैं डायबिटीज रोगी, जानिए कैसा होना चाहिए आपका खानपान

यदि आपको शुगर है, तो अपने खानपान में बदलाव लाकर स्वस्थ बने रह सकते हैं. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बता रहे हैं डायबिटीज की सही डाइट के बारे में.

By Aarti Srivastava | July 17, 2025 3:00 PM
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Ayurvedic remedies of diabetes: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग आठ करोड़ लोग डायबिटिक और लगभग ढाई करोड़ प्री-डायबिटिक हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है. चिंताजनक यह भी है कि अपने देश में 50 प्रतिशत से अधिक लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें डायबिटीज हो चुकी है. ऐसी स्थिति में समय पर इलाज न मिलने के कारण वे कई और बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. विदित हो कि मधुमेह से पीड़ित वयस्कों में दिल का दौरे और स्ट्रोक का खतरा दो से तीन गुना बढ़ जाता है. पैरों में रक्त प्रवाह की कमी के साथ ही न्यूरोपैथी (नर्व डैमेज) पैरों के अल्सर और पैरों में संक्रमण होने का खतरा भी बना रहता है. कई रोगियों के तो इस कारण पैर तक काटने पड़ जाते हैं. मधुमेह के कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है और किडनी फेल्योर भी हो सकता है. इसलिए इस बीमारी में उचित खानपान और औषधि लेना जरूरी है. जानते हैं, मधुमेह के आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से डायबिटीज रोगियों के उचित खानपान और औषधि के बारे में.

प्रो महेश व्यास
डीन, पीएचडी, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, दिल्ली

मधुमेह केवल शारीरिक रोग नहीं है, बल्कि यह हमारी जीवनशैली, आहार और मानसिक तनाव से भी जुड़ा होता है. आयुर्वेद इसे समग्र दृष्टिकोण से देखता है, जिसमें औषधियों के साथ-साथ योग, ध्यान और संतुलित दिनचर्या का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है. यहां हम जानते हैं कि डायबिटीज रोगियों को अपनी डाइट में क्या शामिल करना चाहिए, ताकि उनका शुगर आउट ऑफ कंट्रोल न हो.

इनके सेवन से मिलता है लाभ

  • जौ के चावल, सक्तू (धान्य से बना हुआ सत्त्तू), आपूप (जौ इत्यादि धान्य से बनी पुरी), मूंग का पानी, कड़वे रस वाली हरी सब्जियों का सेवन करें. पुराने चावल को पकाकर नियमित सेवन करें.
  • पारंपारिक भारतीय आहार में बाजरा, ज्वार, रागी, और अन्य अनाज शामिल हैं, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है, विशेषकर मधुमेह में. उपरोक्त अनाज के आटे के साथ मेथी दाने का चूर्ण तथा नीम का चूर्ण मिलाकर रखें. इससे रक्त शर्करा, यानी ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है.
  • एक वर्ष पुराना अनाज, एक वर्ष पुराना जौ, एक वर्ष पुराना ज्वार, पुराने गेहूं का आटा, कोदो, बाजरा, सिंघाड़े का आटा, धान या लाजा- चावल के टुकड़े, धानी या ज्वार का पॉपकॉर्न, दलिया, ममरा-मुरमुरा आदि का सेवन डायबिटीज में लाभकारी होता है.
  • मधुमेह रोगियों को प्रोटीन के लिए कुलथी का दाल, हरा चना, लाल चना, भूना हुआ चना, मसूर की दाल, सत्तू, दलिया आदि का सेवन करना चाहिए.
  • वहीं सब्जियों मे हरी पत्तेदार सब्जियां, करेला, सहजन, मेथी के पत्ते, पालक, मूली, लौकी आदि का सेवन करें.
  • मसालों में काली मिर्च, सेंधा नमक, हींग, लहसुन, इलायची, अलसी, तिल, अजवायन, जीरा, सोंठ का प्रयोग लाभकारी सिद्ध होता है.
  • हल्दी, मुसब्बर (कुमारी) और अमरूद, संतरे, जामुन जैसे फल का सेवन उपयोगी हो सकता है.
  • फलों मे कपित्थ (कठबेल), आंवला, अनार के बीज, अंगूर, काला बेर, खजूर, कच्चे केले का कम मात्रा में सेवन किया जा सकता है.
  • सारोदकं (सारिवा या अनंतमूल का रस), कुशोदक (कुश घास का जल), मधूदक (शहद का जल) का सेवन भी लाभकारी होता है. डायबिटीज रोगी यदि नियमित रूप से त्रिफला के रस का सेवन करें, तो उनके लिए अच्छा रहेगा.
  • गर्म पानी का सेवन, मधु जल- शहद का पानी, छाछ, मस्त- छाछ का एक प्रकार, दधि मंड- दही के उपरी स्तर का पानी, गाय का घी, सरसों का तेल, अलसी का तेल, आदि का सेवन भी लाभकारी होता है.
  • जौ को भून कर खाना भी फायदेमंद होता है.
  • मूंग और आंवले को एक साथ खाना चाहिए.

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डायबिटीज की आयुर्वेदिक औषधि

डायबिटीज के रोगी के लिए निम्न औषधियों का सेवन लाभकारी होता है.

  • आंवले का रस और हल्दी का प्रयोग करें.
  • आंवले के चूर्ण का प्रयोग करें, कच्चे आवले का सेवन करें.
  • गुड़मार का नियमित सेवन करें.
  • जामुन के बीज का सेवन भी लाभकारी होता है.
  • मेथी दाने का पानी- रातभर भिगोया गया- सुबह के समय सेवन करें.
  • नीम के पत्तों का नियमित सेवन.
  • गिलोय का रस तथा गिलोय के काढ़े का सेवन.
  • कुमारी के रस का सेवन.
  • बेल फल का मगज, बेल फल का रस.
  • दालचीनी, इलायची, लौंग इत्यादि का सेवन- इनसे बनी चाय तथा काढे का नियमित सेवन करना लाभकारी होता है.
  • विजयसार (आसन) का पानी सुबह-सुबह पीने से फायदा होता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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