Baby Care: 6 माह के शिशुओं के बेहतर विकास के लिए 4 फूड्स

Baby Care: 6 माह के शिशुओं के बेहतर विकास के लिए 4 फूड्स खिलाएं, चलिए जानते हैं उन फूड्स के बारे में विस्तार से...

By Shweta Pandey | June 13, 2024 2:20 PM
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Baby Care: शिशुओं को पैदा होने से 6 महीने तक केवल मां का दूध ही पिला सकते हैं. छह महीने तक इससे ही बच्चे का शरीरिक एवं मानसिक विकास होता है. लेकिन इसके बाद जब बच्चा बड़ा होने लगता है तब उसे संतुलित मात्रा में फल, सब्जियां और अनाज की प्यूरी बनाकर दिया जाता है जो दूध के साथ ही बच्चे के विकास में सहायता करते हैं. बच्चों के शरीरिक एवं मानसिक विकास के लिए लिक्विड ही नहीं सोलीड्स की भी आवश्यकता समान रूप से होती है, ताकि उन्हें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिल सके. चलिए जानते हैं 6 महीने के शिशुओं को खिलाएं ये 4 फूड्स…

सॉफ्ट इडली

8 से 12 महीने के बच्चों को घर की बनी सॉफ्ट इडली खिलायी जा सकती है. इडली शिशुओं के लिए अच्छा भोजन होता है. हल्का और पौष्टिक यह आसानी से पच भी जाता है. इडली में भी चावल और दाल का मिश्रण होता है. जिसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शिशुओं के विकास में लाभकारी होता है.

मैश खिचड़ी

8 से 9 माह तक के शिशुओं को मूंग की दाल और चावल से बनी खिचड़ी पीस करके खिलाने से लाभ मिलता है. मैश खिचड़ी शिशुओं का संतुलित आहार होता है, जो आसानी से पच भी जाता है. मैश खिचड़ी दाल और चावल होता है, जिसमें प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा पायी जाती है. प्रोटीन शिशुओं के विकास और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.

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गाजर-चुकंदर मैश

गाजर-चुकंदर का मैश शिशुओं के लिए काफी अच्छा आहार है, जिसमे सभी तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह शिशुओं के स्वास्थ्य और विकास में मदद करता है. गाजर में पाए जाने वाले विटामिन A जो बच्चो की इम्यूनिटी बढ़ाता है. और चुकंदर में आयरन,फोलेट और विटामिन C भी होता है, यह हीमोग्लोबिन और विकास में सहायक होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो शरीर की हानिकारक फ्री रेडिकल्स से रक्षा करते हैं, गाजर और चुकंदर में फाइबर की मात्रा अधिक होने के कारण,शिशुओं में कब्ज और अन्य पेट की समस्याओं को दूर रखती है.

मैश पपीता

मैश पपीता शिशुओं के लिए अच्छा फल है, जो पौष्टिक, स्वादिष्ट होने के साथ ही सरलता से पच भी जाता है. मैश पपीता बच्चों को खाने में आसानी होती है और उन्हें सही पोषक तत्व मिलते हैं एवं उनका विकास होता है. पपीते में भी विटामिन C की भरपूर मात्रा पायी जाती है जो बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाता है. पपीते में पाए जाते हैं कुछ एंजाइम जो पाचन क्रिया में सुधार कर कब्ज़ की समस्या को दूर करते हैं. पपीते से शिशु के शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. पके हुए पपीते को साफ कर फिर इसे छीलकर बीज निकालने के बाद पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें. इससे इन्हें आसानी से मैश किया जा सकता है.

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रिपोर्टः श्रेया ओझा

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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