क्या है थायरॉइड
आमतौर पर थायरॉइड गले के निचले हिस्से में तितली के आकार की छोटी सी ग्रंथि होती है. इसका वजन 30 ग्राम ही होता है, लेकिन यह ग्रंथि दिमाग में स्थित पिट्यूटरी ग्रंथि को नियंत्रित करती है. इसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन शरीर के कई कामों में अहम भूमिका निभाते हैं. थायरॉक्सिन(T3), ट्राईयोडोथायरोनिन(T4) और टीएसएच हार्मोन्स का प्रवाह करती है. यह हार्मोन शरीर कि मेटाबॉलिक कार्यों को नियंत्रित करती हैं. जब भी इस ग्रंथि के द्वारा स्त्रवित हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं तो फिर उसका प्रभाव पूरे शरीर में दिखना शुरू हो जाता है.
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क्या- क्या होती हैं दिक्कतें
थायरॉइड के सभी लक्षण सामान्य होते है इसलिए आम लोगों को वो आसानी से समझ में नहीं आते हैं.
वजन तेजी से घटना: हाइपरथायरॉइडिज्म में अतिक्रियाशील थायरॉइड ग्रंथि अत्यधिक मात्र में हार्मोन बनाना शुरू करती है, जिसके कारण वजन तेजी से घटता है.
वजन का तेजी से बढ़ना: हाइपोथायरॉइडिज्म में थायरॉइड की कार्यप्रणाली कम हो जाती है. जिसके कारण वजन तेजी से बढ़ने के साथ- साथ बाल झड़ना, कब्ज, पीरियड्स अनियमित्ता जैसी समस्याएं होती है.
हृदय रोग: हार्मोन का स्त्रत्तवण कम हो जाने के कारण जितने भी बुरे कोलेस्ट्रॉल होते है उनका स्तर बढ़ने लग जाता है, जिससे धमनियां कड़ी होने लग जाती हैं. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की आशंका बढ़ जाती है.
मेंटल हेल्थ: अधिक लंबे समय से सही इलाज नहीं होने कारण कोई व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो सकता है.
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कैसे करे इससे बचाव
थायरॉइड से बचाव के लिए सिर्फ दवाएं नहीं शारीरक रूप से भी सक्रिय होना जरूरी होता हैं। इसके लिए आपको अपने दिनचर्या में बदलाव करना जरूरी है। लोगों को धूम्रपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप किसी मेडिकल कंडीशन के कारण कम नमक खाते हैं तो अपने खाने में हरी सब्जियां जरूर ऐड करें। इसमें भरपूर मात्रा में आयोडीन होता है.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.