उम्र के अनुसार सेरोपोसिटिविटी दर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में
आपको बता दें कि 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में सेरोपोसिटिविटी दर 67 प्रतिशत और 18 साल से कम के लोगों में 59 प्रतिशत पाया गया. वहीं, नीति आयोग के हेल्थ मेंबर, डॉ वि के पॉल की मानें तो शहरी क्षेत्रों में सेरोपोसिटिविटी रेट 18 से नीचे उम्र वालों में 78 फीसदी और 18 से ज्यादा आयु वालों में 79 फीसदी पायी गयी. जबकि, ग्रामिण क्षेत्रों में 18 से कम उम्र वालों में 56 फीसदी थी और 18 से ऊपर आयु वालों में 63 फीसदी थी. दोनों आयु वालों में संक्रमण का दर लगभग समान पाया गया.
बच्चों पर नहीं होगा कोरोना की तिसरी लहर का ज्यादा असर
डॉ पॉल ने इस बात के भी संकेत दिए है कि यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो बहुत गिने-चुने मामले ही बच्चों में अधिक गंभीर पाए जा सकते है. उन्होंने बताया कि कोविड की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण काफी हल्के पाए गए थे.
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वैक्सीनेशन के बाद घटता है आईसीयू में भर्ती होने का खतरा
डॉ पॉल ने यह भी कहा कि वैक्सीनेशन के बाद कोविड रोगियों की अस्पताल तक जाने की नौबत भी 75-80 प्रतिशत तक कम हो जाती है. जिससे ऑक्सीजन लगाने की संभावना भी घट कर 8 प्रतिशत हो जाती है और आईसीयू में भर्ती करवाने की नौबत भी घट कर 6 प्रतिशत हो जाती है. ऐसे में वैक्सीनेशन जरूरी है सरकार द्वारा अब तक 27 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन दिया जा चुका है.
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Posted By: Sumit Kumar Verma
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