Sawan Fasting:सावन में क्यों नहीं खाते हैं नॉनवेज जरूर जानें कारण, खाया तो होगा बड़ा नुकसान
Sawan Fasting: एक आम परंपरा यह है कि पूरे महीने मांस, मछली और अंडे जैसे मांसाहारी भोजन से परहेज किया जाता है. यह प्रथा न केवल आध्यात्मिक मान्यताओं पर आधारित है, बल्कि स्वास्थ्य और मौसमी कारणों से भी समर्थित है. इस परिचय में, हम जानेंगे कि सावन के दौरान कई लोग मांसाहारी भोजन से परहेज क्यों करते हैं.
By Prerna | July 13, 2025 2:47 PM
Sawan Fasting: सावन, जिसे श्रावण भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर का एक पवित्र महीना है जिसका आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है, खासकर भगवान शिव के भक्तों के लिए. इस दौरान, कई लोग विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं, जिनमें उपवास, प्रार्थना और केवल शाकाहारी भोजन करना शामिल है. एक आम परंपरा यह है कि पूरे महीने मांस, मछली और अंडे जैसे मांसाहारी भोजन से परहेज किया जाता है. यह प्रथा न केवल आध्यात्मिक मान्यताओं पर आधारित है, बल्कि स्वास्थ्य और मौसमी कारणों से भी समर्थित है. इस परिचय में, हम जानेंगे कि सावन के दौरान कई लोग मांसाहारी भोजन से परहेज क्यों करते हैं, और यह परंपरा भारत भर में लाखों लोगों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है.
क्या है कारण
आध्यात्मिक कारण:
भगवान शिव की भक्ति:
लोग सावन के दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना और उपवास करते हैं. शाकाहारी भोजन को पवित्रता और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है.
आध्यात्मिक गतिविधियों में वृद्धि:
चूँकि यह एक पवित्र समय होता है, इसलिए लोग विचारों, आहार और कर्मों में सात्विक (शुद्ध) रहने का प्रयास करते हैं. मांसाहार को तामसिक (भारी और अशुद्ध) माना जाता है, इसलिए इसका सेवन नहीं किया जाता है.
स्वास्थ्य कारण:
वर्षा ऋतु = कमज़ोर पाचन:
सावन मानसून के मौसम में पड़ता है जब शरीर का पाचन तंत्र कमज़ोर हो जाता है. मांसाहारी भोजन पचाना मुश्किल होता है, इसलिए हल्का शाकाहारी भोजन पसंद किया जाता है.
दूषित भोजन का खतरा:
वर्षा ऋतु में, बैक्टीरिया की अधिकता और अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण मांस, मछली और अंडों से संक्रमण का खतरा अधिक होता है.