विश्व आईबीडी दिवस का इतिहास
दरअसल विश्व आईबीडी दिवस की शुरुआत साल 2010 में हुई थी. इसे पहली बार पाचन रोग सप्ताह के दौरान ही सेलिब्रेट किया गया था. तभी से लेकर यह हर साल मनाया जाता है. इसका आयोजन यूरोपियन फेडरेशन ऑफ क्रॉन्स एंड अल्सरेटिव कोलाइटिस एसोसिएशन (ईएफसीसीए) द्वारा किया जाता है. यह दिन क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना है. आंत में होने वाला यह रोग बहुत ही खतरनाक होता है.
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विश्व आईबीडी दिवस का महत्व
विश्व आईबीडी दिवस का महत्व बेहद खास है. क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी सूजन आंत्र रोगों (आईबीडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण है. इस दिन लोगों को शिक्षित करने और उन लोगों का समर्थन करने के लिए एक मंच के रूप में कार्यक्रम रखा जाता है जो पीड़ित हैं. इसका मुख्य उद्देश्य प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद करना भी है. विश्व सूजन आंत रोग दिवस 2024 सूजन आंत रोग वाले लोगों के लिए आशा का दिन है, सामान में जागरूकता फैलाकर, प्रभावित लोगों का समर्थन किया जाता है.
विश्व आईबीडी दिवस 2024 थीम
गौरतलब है कि विश्व आईबीडी दिवस 2024 इस बार 19 मई दिन रविवार को मनाया जा रहा है. इस वर्ष के विश्व आईबीडी दिवस की थीम “IBD has no borders.” यानी आईबीडी की कोई सीमा नहीं है” है.
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Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.