Bihar Tourism: भारत का इकलौता सूर्य मंदिर जहां पश्चिम की ओर खुलता है द्वार, यहां लगती है भक्तों की कतार

Bihar Tourism: बिहार के औरंगाबाद जिले से कुछ दूर स्थित देव में मौजूद है प्राचीन सूर्य मंदिर. इस मंदिर का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था. तो आईए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े कई रोचक तथ्य.

By Rupali Das | June 21, 2024 4:51 PM
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Bihar Tourism: बिहार राज्य अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और तीर्थ स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां मौजूद नालंदा के खंडहर और सम्राट अशोक का स्तंभ भारत के समृद्ध इतिहास का प्रतीक है. बिहार में मौजूद प्राचीन मंदिर इस राज्य के धार्मिक महत्व की व्याख्या करते हैं. यह राज्य विभिन्न धर्मों के प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है. बिहार में स्थित प्रसिद्ध देव सूर्य मंदिर अपने इतिहास और स्थापत्य कला के लिए प्रख्यात है. यह हिंदू समाज के लोगों का प्रमुख धार्मिक केंद्र है. अगर आप भी बिहार भ्रमण पर निकले हैं, तो देव सूर्य मंदिर जरूर विजिट करें.

कहां है देव सूर्य मंदिर

भगवान सूर्य को समर्पित देव सूर्य मंदिर, देवार्क सूर्य मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है. यह मंदिर बिहार के औरंगाबाद जिले के देव नामक स्थान पर स्थित है. यह जगह औरंगाबाद जिले से 18 किमी दूर है. आप बस, ट्रेन और हवाई मार्ग के जरिए भी सूर्य मंदिर आ सकते हैं. इसका निकटतम रेलवे स्टेशन अनुग्रह नारायण रोड है, जो देव से लगभग 20 किमी दूर है. पटना से इसकी दूरी करीब 150 किमी है. छठ महापर्व के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक यहां सूर्य देव की आराधना करने आते हैं.

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भारत का इकलौता सूर्य मंदिर जहां पश्चिम की ओर खुलता है द्वार

देव सूर्य मंदिर का इतिहास काफी समृद्ध है, इस मंदिर का निर्माण स्वयं भगवान विश्वकर्मा ने किया था. देवार्क सूर्य मंदिर देश का इकलौता ऐसा सूर्य मंदिर है, जिसका द्वार पूर्व की ओर न खुलकर पश्चिम की ओर खुलता है. नागर शैली की तर्ज पर बना यह मंदिर नक्काशीदार पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है. इस मंदिर के गर्भगृह के ऊपर कमलनुमा शिखर बना है,जो इसकी आभा को बढ़ाता है. इस अत्यंत सुंदर मंदिर में स्थापित भगवान सूर्य देवता की मूर्ति सात घोड़ों वाले रथ पर सवार है,जो पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है.इस मंदिर में तीन रूपों में भगवान सूर्य की आराधना की जाती है, जिनमें उदयाचल-प्रात: सूर्य, मध्याचल- मध्य सूर्य और अस्ताचल -अस्त सूर्य के रूप विद्यमान हैं. हर वर्ष छठ पूजा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. यह प्राचीन सूर्य मंदिर अपने उत्कृष्ट स्थापत्य कला और शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध है. पत्थरों को आयताकार, गोलाकार, वर्गाकार, त्रिभुजाकार और अर्द्धवृत्ताकार जैसे रूपों में काटकर इस आकर्षक और अद्वितीय मंदिर का निर्माण किया गया है. अपनी विशिष्ट कलात्मक भव्यता के लिए मशहूर इस मंदिर की ऊंचाई करीब 100 फीट है. इस मंदिर के संदर्भ में लोगों का मानना है भक्ति भाव और श्रद्धा पूर्वक भगवान सूर्य की आराधना करने से उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. यहां मंदिर के पास एक तालाब मौजूद है जिसे सूर्यकुंड के नाम से जाना जाता है. देव सूर्य मंदिर अपने खूबसूरत संरचना, जीवंत इतिहास और भगवान सूर्य के प्रति लोगों के विश्वास का प्रतीक है.Also Read: Best Places in Patna: पटना घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो ये 5 जगहें हैं आपके लिए शानदार

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