MP Tourism: बुंदेलखंड का यह किला है बेहद खास, जहांगीर के स्वागत में बनवाया था महल

मध्यप्रदेश की बेतवा नदी के किनारे बसे ओरछा का इतिहास बुंदेला राजाओं से जुड़ा है. यहां स्थित राजा महल, जहांगीर महल, राय प्रवीण महल, शीश महल वस्तुकलां के बेजोड नमूना है.

By Pratishtha Pawar | July 17, 2024 7:27 PM
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MP Tourism: बुंदेलखंड के इलाके में बसा ओरछा किला(Orchha Fort) मध्य प्रदेश के मध्य में बेतवा नदी के किनारे बसा एक ऐतिहासिक स्थल है.इतिहास, वास्तुकला की चमक और सांस्कृतिक विरासत से भरपूर, ओरछा किला बुंदेला राजवंश की भव्यता और उनकी प्रभावशाली विरासत का प्रमाण है.

ओरछा किला: इतिहास की एक झलक

ओरछा किला, जिसे ओरछा की कोठी के नाम से भी जाना जाता है, 16वीं शताब्दी में ओरछा के संस्थापक राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा स्थापित किया गया था.यह राजसी किला परिसर बुंदेला राजपूत राजाओं की राजधानी के रूप में कार्य करता था, जिन्होंने कई शताब्दियों तक इस क्षेत्र पर शासन किया. तीन तरफ से बेतवा नदी से घिरे किले का रणनीतिक स्थान प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे यह राज्य के गढ़ के लिए एक आदर्श स्थल बन जाता है.

ओरछा किला परिसर राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है, जो जटिल शिल्प कौशल और भव्य डिजाइनों को प्रदर्शित करता है. किले में कई महल, मंदिर और अन्य संरचनाएं हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा आकर्षण और ऐतिहासिक महत्व है. किले के परिसर में सबसे उल्लेखनीय संरचनाओं में से कुछ में शामिल हैं:

1. राजा महल (Raja Mahal)

किले के भीतर सबसे पुराना महल, राजा महल, राजा रुद्र प्रताप सिंह द्वारा बनाया गया था. इसकी बाहरी दीवारें धार्मिक विषयों और दैनिक जीवन के दृश्यों को दर्शाती जीवंत भित्तिचित्रों से सजी हैं, जबकि अंदरूनी हिस्से में सुंदर नक्काशीदार खिड़कियां, बालकनी और छतें हैं.

2. जहांगीर महल (Jahangir Mahal)

जिसे वन नाइट पैलिस के नाम से भी जाना जाता है, इस शानदार महल का निर्माण राजा बीर सिंह देव ने मुगल सम्राट जहांगीर की एक दिवसीय ओरछा यात्रा के सम्मान में करवाया था. महल का प्रभावशाली अग्रभाग, नाजुक पत्थर की नक्काशी और जालीदार काम से सुसज्जित है, जो मुगल वास्तुकला की भव्यता को दर्शाता है. महल की बालकनियों से आसपास के परिदृश्य के मनोरम दृश्य लुभावने हैं.

3. राय प्रवीण महल(Rai Praveen Mahal)

कवयित्री और वेश्या राय प्रवीण के लिए बनाया गया यह महल उनकी सुंदरता और प्रतिभा का प्रमाण है. तीन मंजिला इमारत हरे-भरे बगीचों से घिरी हुई है और इसमें सुंदर मंडप और जटिल कलाकृतियाँ हैं.

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4. शीश महल (Sheesh Mahal)

मूल रूप से बुंदेला राजाओं के लिए एक महल के रूप में निर्मित, शीश महल को अब एक हेरिटेज होटल में बदल दिया गया है, जो आगंतकों को शाही विलासिता का अनुभव करने का मौका देता है. महल का नाम, जिसका अनुवाद “दर्पणों का महल” है, इसके अंदरूनी भाग को सुशोभित करने वाले आश्चर्यजनक दर्पण कार्य से लिया गया है।

मंदिर और आध्यात्मिक महत्व

ओरछा किला कई मंदिरों का भी घर है जो इसके आध्यात्मिक आकर्षण को बढ़ाते हैं. राम राजा मंदिर, भारत का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान राम की राजा के रूप में पूजा की जाती है, एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है. चतुर्भुज मंदिर, अपने ऊंचे शिखरों और भव्य वास्तुकला के साथ, बुंदेला राजवंश की धार्मिक भक्ति और स्थापत्य कौशल की एक झलक पेश करता है.

रोचक तथ्य

  • ओरछा किले की सुरम्य सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व ने इसे बॉलीवुड फिल्मों के लिए एक लोकप्रिय फिल्मांकन स्थान बना दिया है, जो इसके सांस्कृतिक आकर्षण को बढ़ाता है.
  • बेतवा नदी के किनारे स्थित किले में जल क्रीड़ा और नौका विहार के अवसर उपलब्ध हैं, जो किले की भव्यता को एक अलग दृष्टिकोण से अनुभव करने का एक अनूठा तरीका प्रदान करता है.
  • ध्वनि और प्रकाश शो: किले में शाम को ध्वनि और प्रकाश शो का आयोजन किया जाता है, जो ओरछा के इतिहास को बयान करता है, कहानी और दृश्यों के आकर्षक मिश्रण के माध्यम से इसके अतीत को जीवंत करता है।
  • ओरछा किले को वैश्विक स्तर पर इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को मान्यता देते हुए यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है.
  • ओरछा महोत्सव, एक वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव है, जो संगीत, नृत्य और कला प्रदर्शनों के माध्यम से क्षेत्र की समृद्ध विरासत का जश्न मनाता है, जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करता है.

कैसे पहुंचें

ओरछा सड़क, रेल और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. निकटतम प्रमुख शहर झांसी है, जो लगभग 16 किलोमीटर दूर है, जो ट्रेन द्वारा दिल्ली और भोपाल जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. झांसी से, ओरछा पहुंचने के लिए टैक्सी और ऑटो-रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं.

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