Sawan 2024: जानिए कैसे करें सावन में बाबा बैद्यनाथ धाम के दर्शन, कितना आएगा खर्च
Sawan 2024: सावन के महीने में बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव का जलाभिषेक करने देवघर के बाबा धाम पहुंचते हैं. ऐसे में हम आपको आज बताने वाले हैं, इस दौरान वहां रहने से लेकर खाने तक कितना खर्च होगा और क्या व्यवस्था होगी.
By Rupali Das | July 21, 2024 9:24 AM
Sawan 2024: कल से शुरू होने वाला है हिंदुओं का पवित्र महीना सावन. इसे शिव का सावन भी कहा जाता है, क्योंकि सावन में भगवान अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. इस दौरान जगह-जगह कांवरिये कांवड़ यात्रा निकालते हैं और बाबा पर जल चढ़ाने जाते हैं. कांवड़ यात्रा का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. झारखंड के देवघर में स्थापित बाबा बैद्यनाथ धाम की कांवड़ यात्रा विश्व प्रसिद्ध है. यहां श्रद्धालु अजगैवीनाथ से पवित्र गंगाजल लेकर नंगे पांव बाबा धाम तक पहुंचते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. देवघर में स्थापित शिवलिंग भगवान शंकर के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है, जो हिंदुओं के आस्था का प्रतीक है. यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना बाबा जरूर पूरी करते हैं, यही कारण है इस शिवलिंग को मनोकामना लिंग भी कहा जाता है. सावन के महीने में बाबा बैद्यनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दौरान देवघर में भव्य श्रावणी मेले का आयोजन होता है, जिसमें देश के कोने-कोने से शिव भक्त बाबा की नगरी पहुंचते हैं. श्रावणी मेले की आभा को देखने विदेशी पर्यटक भी देवघर पहुंचते हैं. सावन के दौरान भगवान शिव का दर्शन पूजन करना पवित्र माना जाता है. इस बार का सावन और भी खास है, जो सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही खत्म हो रहा है. झारखंड को शिव की भूमि भी कहा जाता है, क्योंकि यहां पहाड़ से लेकर मैदान तक कण-कण में शिव का वास है. ऐसे में अगर आप सावन में झारखंड घूमने आ रहे हैं तो एक बार जरूर करें बाबा बैद्यनाथ के दर्शन.
झारखंड के देवघर में मौजूद बाबा बैद्यनाथ धाम आप रेल, सड़क या हवाई मार्ग से पहुंच सकते हैं. मगर सावन के दौरान देवघर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचते हैं. कई महीने पहले ही देश-विदेश से आए पर्यटक ट्रेनों, होटलों और फ्लाइट में बुकिंग कर लेते हैं, ऐसे में बैद्यनाथ धाम आने के लिए जरूरी है कि आप पहले से ही रिजर्वेशन करवा लें. सावन के दौरान आप पैदल (कांवड़ यात्रा) भी बाबा धाम तक जा सकते हैं. सड़क मार्ग से देवघर बाबा धाम राजधानी रांची से करीब 264 किलोमीटर दूर है. ट्रेन से आने पर आप जसीडीह स्टेशन और देवघर रेलवे स्टेशन तक पहुंचेंगे, जो मंदिर के काफी करीब है. हृदयपीठ नाम से मशहूर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने देश-विदेश से शिव भक्त देवघर पहुंचते हैं.
Sawan 2024: कितना होगा रहने से लेकर खाने का किराया
श्रावण मास में भक्त भागलपुर के अजगैवीनाथ से जल लेकर पैदल चलकर बाबा बैद्यनाथ धाम भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंचते हैं. सावन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन-पूजन करने देवघर पहुंचते हैं. आमतौर पर भगवान शिव का दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु पूजा के बाद देवघर एक्सप्लोर करते हैं. यहां बैद्यनाथ धाम में रहने के लिए पर्यटकों और श्रद्धालुओं को कई धर्मशालाएं और होटल मिल जाते हैं. जहां आपको ₹800/- से ₹1500/- तक के एसी और नॉन-एसी रूम आसानी से मिल जाएंगे. सावन के दौरान कुछ धर्मशालाएं लोगों को फ्री या फिर ₹100-200 में भी सर्विस देती हैं. यहां खाना खाने के लिए कई होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे हैं, जहां आपको सस्ते दाम में अच्छा खाना मिल जाएगा. सावन के दौरान सरकार द्वारा बाबा धाम में विशेष शिविर लगाए जाते हैं, जो श्रद्धालुओं को फल, पानी और ड्राई फ्रूट्स प्रदान करते हैं.
सावन के दौरान बैद्यनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालु देवघर में मौजूद अन्य मंदिरों में भी पूजा करते हैं. यहां बासुकीनाथ धाम मंदिर, नौलखा मंदिर, मां शीतला मंदिर और बैजू मंदिर सहित कई दर्शनीय स्थल हैं.