नालंदा पुरातत्व संग्रहालय
नालंदा महाविहार के खंडहर के पास स्थित नालंदा पुरातत्व संग्रहालय इस जगह के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की झलक दिखाता है. इस संग्रहालय में प्राचीन पांडुलिपियों, शिलालेखों, सिक्कों और बौद्ध मूर्तियों का संग्रह है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इस संग्रहालय में दूर-दूर से लोग पुरावशेषों को देखने आते हैं, जिनमें मिट्टी के बर्तन, मौर्य,गुप्त और पाल काल की अनोखी मूर्तियों के साथ धातु की बनी वस्तुएं शामिल हैं.
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सूर्य मंदिर, नालंदा
नालंदा में स्थित सूर्य मंदिर अपनी भव्य वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध सूर्य देव को समर्पित मंदिर है. यहां भक्त गर्भ गृह में स्थापित सूर्य देव की पूजा और दर्शन करने आते हैं.
पावापुरी
पावापुरी जैन समुदाय के लोगों के लिए प्रमुख और पवित्र धार्मिक केंद्र है. कहा जाता है पावापुरी वही जगह है जहां भगवान महावीर को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. जैन धर्मावलम्बियों का पवित्र केंद्र होने के साथ पावापुरी पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है. यहां स्थित खूबसूरत जल मंदिर पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. यह जगह राजगीर और बोधगया के पास बसा हुआ है.
ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल
ह्वेन त्सांग मेमोरियल हॉल चीनी यात्री और विद्वान ह्वेन त्सांग की समृति में बनाई गई खूबसूरत संरचना है. यह शानदार हाॅल नालंदा के खंडहर से मात्र 1.3 किमी दूर है. भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ाता यह हॉल पर्यटन स्थल के रूप में काफी प्रसिद्ध है.
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नव नालंदा महाविहार
नव नालंदा महाविहार बौद्ध धर्म और पाली साहित्य के शोध और अध्ययन को समर्पित संस्थान है. यह संस्थान प्राचीन नालंदा महाविहार के तर्ज पर बना शैक्षणिक और पर्यटन स्थल है.
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