सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कक्ष बनाने पर राज्य गंभीर नहीं?

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने मां एवं उनके शिशुओं की निजता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कक्ष बनाने को कहा है लेकिन किसी की भी तरफ से इस पर कोई जवाब अब तक नहीं मिला है.... केंद्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2019 10:35 PM
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नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसने मां एवं उनके शिशुओं की निजता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कक्ष बनाने को कहा है लेकिन किसी की भी तरफ से इस पर कोई जवाब अब तक नहीं मिला है.

केंद्र ने यह जवाब मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ के समक्ष दायर किया जो एक नवजात शिशु की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करने वाली है.

इसमें महिलाओं एवं बच्चों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कराने एवं प्रसाधन जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए कक्ष बनाने की बात कही गयी है.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि वह राज्यों के मुख्य सचिवों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को याचिका में उठाये गये मुद्दे के संबंध में पत्र लिख रहा है और 27 अगस्त, 2018 को उनको पत्र लिखे गये लेकिन किसी भी राज्य की तरफ से अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला है.

हलफनामे में बताया गया कि मंत्रालय याचिकाकर्ता के मामले को लगातार राज्यों के मुख्य सचिवों के समक्ष उठा रहा है.

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