दार्जिलिंग : कई सालों तक शांत रहने के बाद दार्जिलिंग में बांग्ला भाषा के मुद्दे ने हिंसक रूप ले लिया है. इस बार अलग राज्य गोरखालैंड का मुद्दा हाशिये पर है और भाषा विवाद संघर्ष का मुख्य केंद्र बन चुका है. राज्य सरकार ने पहली से दसवीं कक्षा तक बांग्ला भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने का फैसला किया है. विवाद को बढ़ते देख बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्ला ऐच्छिक भाषा के रूप में रहेगी. चाय बगानों और पहाड़ों के बीच बसा शहर दार्जिलिंग में तनाव का माहौल है. पर्यटकों को वहां से निकाला जा रहा है. दार्जिलिंग की राजनीति के जानकार भाषा विवाद के पीछे अन्य कारण बताते हैं. ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने मिरिक नगरपालिका पर जबर्दस्त जीत हासिल की है. दशकों तक नगरपालिका चुनावों में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा का कब्जा रहा है.गोरखा जनमुक्ति मोर्चा इस हार को पचा नहीं पा रहा है. अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही मोर्चा ने बांग्ला भाषा को लड़ाई के केंद्रबिन्दु में ला दिया है.
संबंधित खबर
और खबरें