केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने किया आगाह, बोले-जीएसटी सत्र के बहिष्कार के फैसले पर पछतायेगी कांग्रेस

नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जीएसटी की शुरुआत के लिए संसद में बुलाये गये आधी रात के सत्र का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अपने इस फैसले पर आज नहीं तो कल पछतायेगी. कांग्रेस द्वारा सत्र को सरकार का ‘स्वप्रचार का बड़ा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 30, 2017 9:01 AM
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नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने जीएसटी की शुरुआत के लिए संसद में बुलाये गये आधी रात के सत्र का बहिष्कार करने के कांग्रेस के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अपने इस फैसले पर आज नहीं तो कल पछतायेगी. कांग्रेस द्वारा सत्र को सरकार का ‘स्वप्रचार का बड़ा तमाशा ‘ करार देने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि यह बेवकूफाना और हल्की टिप्पणी है, जिस पर विस्तृत जवाब देने की जरूरत नहीं है.

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नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ सहयोगियों ने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है. मुझे इसका कारण समझ में नहीं आता. मुझे लगता है कि इसका एकमात्र कारण यह हो सकता है कि देश इस ऐतिहासिक, क्रांतिकारी कराधान सुधार के लिए उन्हें श्रेय नहीं दे रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने की घोषणा के लिए 30 जून की आधी रात को बुलायी गयी संसद की विशेष बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने गुरुवार को कहा था कि कांग्रेस जीएसटी लागू करने के बारे में विशेष बैठक में भाग नहीं लेगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से मुलाकात के बाद यह निर्णय किया गया.

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के स्वतंत्रता के समय दिये गये ‘नियति से किये गये वादे ‘ वाले ऐतिहासिक अवसर का महत्व कम नहीं करना चाहती. इसीलिए वह इस प्रकार के किसी कार्यक्रम में भाग लेने को इच्छुक नहीं है. माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी भी जीएसटी लागू करने के मामले में सरकार द्वारा जल्दबाजी दिखाये जाने को लेकर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहने के दौरान इस प्रणाली का विरोध किया था.

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के अवसर पर 30 जून की आधी रात को संसद में बुलायी गयी बैठक को लेकर कांग्रेस दुविधा में थी और उसने इस बारे में अन्य विपक्षी दलों से भी बातचीत की है. अन्य विपक्षी दलों द्वारा ऐसा ही किया जाने की संभावना है. तृणमूल कांगे्रस पहले ही इस समारोह का बहिष्कार की घोषणा कर चुकी है. कुछ नेताओं का मानना है कि जीएसटी को जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है तथा सभी पक्षों को ध्यान में नहीं रख गया है, जिस कारण छोटे व्यापारियों एवं कारोबारियों के लिए समस्याएं बढ़ सकती है.

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