कैग रिपोर्ट पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली बोले, सशस्त्र बलों के पास पर्याप्त है गोला-बारूद

नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवारको कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम एवं पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित हैं. शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने जब कैग की रिपोर्ट का जिक्र किया तब रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह प्रतिक्रिया दी. कैग की रिपोर्ट में कहा गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2017 11:18 PM
an image

नयी दिल्ली : सरकार ने मंगलवारको कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम एवं पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित हैं. शून्यकाल में विपक्षी सदस्यों ने जब कैग की रिपोर्ट का जिक्र किया तब रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने यह प्रतिक्रिया दी. कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना के समक्ष गोला-बारूद का संकट है और केवल दस दिन का ही गोला-बारूद है. कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर युद्ध की स्थिति आये, तो सेना के पास केवल इतना ही गोला-बारूद है जो मात्र दस दिन या उससे भी कम समय तक ही चल सकेगा. युद्ध की स्थिति में सेना को 40 दिन का गोला-बारूद भंडार में रखना पड़ता है.

जेटली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में गोला-बारूद की कमी का जो जिक्र है वह एक खास समय की बात है. उन्होंने कहा, ‘इसके बाद लगातार प्रगति हुई है. हथियारों की खरीद की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया गया है और भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम एवं पर्याप्त उपकरणों से सुसज्जित हैं. जेटली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट ने साल 2013 को संदर्भ के तौर पर बताया है और उसके बाद उत्तरोत्तर प्रगति हुई है.

विपक्षी दल इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सरकार से सवाल करते रहे. कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा, ‘प्रक्रिया को कब सरल किया गया. उन्होंने दावा किया कि यह निर्णय कुछ ही दिन पहले किया गया. उन्होंने कहा, ‘तीन साल तक कुछ नहीं किया गया.’ शर्मा ने यह भी कहा कि देश में पूर्णकालिक रक्षा मंत्री नहीं है और पहले मनोहर परीकर ‘नॉन परफॉर्मर’ थे. उप-सभापति पी जे कुरियन ने कहा कि यह शून्यकाल है और इसमें शून्यकाल के तहत सूचीबद्ध मुद्दे उठाने चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सदस्य इस विषय पर चर्चा चाहते हैं तो वह इसके लिए अलग से नोटिस दे सकते हैं.

सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में हथियारों और गोला-बारूद की कमी का जिक्र है. यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आयी है जब पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं पर तनाव की स्थिति है. उन्होंने जानना चाहा ‘हमारे पास दस दिन से अधिक समय तक युद्ध के लिए हथियार और गोला-बारूद क्यों नहीं है? ‘यादव ने कहा, ‘लोग चिंतित हैं.’ सपा नेता ने कहा कि स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार यहां भले ही कोई खुलासा न करे, लेकिन उसे देश को बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठाना चाहिए. ‘कृपया हर वह कदम उठायें जो देश को बचाने के लिए जरूरी है.’

कांग्रेस के रिपुन बोरा ने शून्यकाल के तहत यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्ष 2009 से 2013 के बीच पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने रक्षा खरीद के लिए बड़े फैसले किये थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने उन्हें मंजूरी नहीं दी. उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 16,500 करोड़ रुपये की योजना को भी अब तक कार्यान्वित नहीं किया. बोरा ने कहा कि कैग ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय नौसेना की खराब स्थिति का भी जिक्र किया है और बताया है कि पिछले कुछ साल में नौसेना में 38 दुर्घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस सदस्य ने कहा कि मंजूरी नहीं मिल पाने की वजह से सुरक्षा संगठन भी काम नहीं कर रहा है.

युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजन को दी गयी अतिरिक्त अनुग्रह राशि

जेटली ने युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवार के दस सदस्यों को सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष (एबीसीडब्ल्यूएफ) से मंगलवारको अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी. रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मेजर सतीश दहिया और कैप्टन आयुष यादव के परिजन को सहायता राशि दी गयी. दहिया इस साल फरवरी में कश्मीर घाटी में सैन्य अभियान के दौरान शहीद हो गये थे. वहीं अप्रैल में कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक सैन्य शिविर पर आतंकी हमले में यादव की जान चली गयी थी. इस मौके पर जेटली ने कहा कि अब तक सरकार, सशस्त्र बल और बीमा एजेंसियां शहीदों के परिवारों का ख्याल रखती थीं, लेकिन यह कदम नागरिकों के सांकेतिक प्रयास को दिखाता है कि वे उनका ख्याल रखते हैं. लोगों के आग्रह पर रक्षा मंत्रालय के पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की तरफ से इस कोष की स्थापना की गयी थी.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version