अपने संबोधन की शुरूआत में सोनिया गांधी ने कहा कि आज हम भारत छोड़ो आंदोलन की यादों को ताजा कर रहे हैं. मैं सभी महिला पुरुष कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देती हूं जिन्होंने देश की आजादी में योगदान दिया. सोनिया गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के योगदान का भी जिक्र अपने संबोधन में किया.
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आगे सोनिया गांधी ने कहा कि क्या जनतंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं हो रही है? भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिरह याद दिलाता है कि इस विचार को संकीर्ण मानसिकता और संप्रदायवाद का कैदी बनने नहीं दे सकते हैं. ऐसा लगता है कि उदारवादी मूल्य खतरे में पड़ रहे हैं, कई बार कानून के राज पर भई गैरकानूनी शक्तियां हावी दिखाई देती हैं.
उन्होंने कहा कि आज जब हम उन शहीदों को नमन कर रहे हैं, जो स्वतंत्रा संग्राम में सबसे अगली कतार में रहे, तब हमें नहीं भूलना चाहिए कि उस दौर में कुछ ऐसे संगठन और व्यक्ति भी थे, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था इन तत्वों का हमारे देश को आजादी दिलाने में कोई योगदना नहीं रहा है.
जिस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष संघ पर हमला कर रहीं थीं उस वक्त उनकी बातों को पीएम मोदी गौर से सुन रहे थे.