डोकलाम गतिरोध पर बोले जेटली-किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार हैं हमारे सैन्य बल

नयी दिल्ली : सिक्कम सेक्टर के पास डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सैन्य बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. डोकलाम में गतिरोध के बीच चीन द्वारा तिब्बत में सैनिकों की गतिविधियां की रिपोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2017 2:31 PM
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नयी दिल्ली : सिक्कम सेक्टर के पास डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सैन्य बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं. डोकलाम में गतिरोध के बीच चीन द्वारा तिब्बत में सैनिकों की गतिविधियां की रिपोर्ट और पाकिस्तान के एक सैन्य अधिकारी द्वारा अपने रक्षा उद्योग भारत से बेहतर बताये जाने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि भारतीय सैन्य बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा देश के रक्षा बलों के पास किसी भी स्थिति निपटने के लिए पर्याप्त उपकरण उपलब्ध हैं और इसको लेकर किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए. इससे पहले लोकसभा में केसी वेणुगोपाल और इटी मोहम्मद बशीर के पूरक प्रश्नों के उत्तर में जेटली ने कहा कि मैंने पहले भी यह बात कही थी और आज फिर दोहराता हूं कि हमारे रक्षा बलों के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में उपकरण उपलब्ध हैं और इसको लेकर किसी किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए. सदस्यों ने कैग की एक हालिया रिपोर्ट और चीन के साथ चल रहे गतिरोध के संदर्भ में रक्षा मंत्री से सवाल किया था. जेटली ने यह भी कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सैन्य तैयारियों को बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए सरकार की ओर से रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है.

रक्षा मंत्री ने कहा कि सैन्य जरूरतों को सिर्फ दूसरे देशों से खरीद के माध्यम से पूरा नहीं किया जा सकता, इसके लिए देश के भीतर भी विनिर्माण तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरा प्रयास किया जा रहा है कि सेना के लिए जरूरी गोला-बारुद, विमानों और हेलीकॉप्टरों का विनिर्माण देश के भीतर हो सके.

लोकसभा सदस्य मनोज राजोरिया के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने कहा कि पिछले दो वर्षों में रक्षा उपकरणों की खरीद के लिए 2,30,000 करोड़ रुपये के अनुबंध किये गये हैं जिनमें से 1,07,580 करोड़ रुपये के 99 अनुबंध देसी रक्षा इकाइयों के साथ किये गये हैं. इसके अलावा 1,23,142 करोड़ रुपये का 61 अनुबंध विदेशी कंपनियों के साथ किये गये. उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि रक्षा बलों को और सशक्त बनाया जाये.

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