नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऐतिहासिक फैसले में मुस्लिम समुदाय में प्रचलित तीन तलाक की 1400 साल पुरानी प्रथा को निरस्त कर दिया. इस प्रथा को पवित्र कुरान के सिद्धांतों और इस्लामिक शरिया कानून के विरुद्ध बताया. इस पुरानी प्रथा पर पांच जजों की संविधान पीठ ने 3-2 के बहुमत से फैसला सुनाया. आइए जानते हैं किन पांच महिलाओं ने इतिहास बदलने का काम किया है….
सायरा बानो : पति ने छह बार गर्भपात कराया
फरवरी, 2016 में उत्तराखंड की रहने वाली सायरा बानो (38) पहली महिला हैं, जिन्होंने तीन तलाक, बहुविवाह व निकाह हलाला पर बैन लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उनकी शादी 2002 में इलाहाबाद के रिजवान के साथ हुई थी. ससुराल वाले रोजाना दहेज मांगते थे. हर दिन पीटते थे. पति के दबाव में बार-बार गर्भ निरोधक लेने से वह बीमार हो गयी. छह बार गर्भपात कराया गया. पिछले साल अप्रैल में अपने माता-पिता के घर लौटी. अक्तूबर में पति ने टेलीग्राम के जरिये तलाकनामा भेजा. सायरा के दो बच्चे हैं, जो पति के रहते साथ हैं. पति बच्चों से मिलने भी नहीं देता.
आफरीन रहमान : स्पीड पोस्ट से खत्म किया रिश्ता
जयपुर की आफरीन रहमान की शादी 2014 में मेट्रिमोनियल साइट के जरिये अशर वारसी के साथ हुई थी. अगस्त, 2015 में आफरीन ने पति पर आरोप लगाया कि वह रोज मारता-पीटता है. सितंबर, 2015 में पति ने उसे घर से निकालते हुए मायके भेज दिया. जनवरी 2016 में पति ने आफरीन के चरित्र पर सवाल उठाते हुए स्पीड पोस्ट से तलाक दे दिया. पति के इस फरमान को चुनौती देने के लिए आफरीन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आफरीन के पास एमबीए की डिग्री है.
इशरत जहां : दुबई से फोन कर छोड़ दिया
पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत को उसके पति ने दुबई से फोन पर तलाक दिया था. इतना ही नहीं उसके पति मर्तजा ने चारों बच्चों को उससे छीन लिया. इसके बाद पति ने दूसरी शादी कर ली और उसे यूं ही बेसहारा छोड़ दिया. इशरत ने याचिका दायर कर तीन तलाक को असंवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार के खिलाफ बताया था. इशरत 12वीं पास हैं.
आतिया साबरी : कागज के टुकड़े से टूटा नाता
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली आतिया के पति वजीर अली ने साल 2016 में एक कागज पर तीन तलाक लिखकर उससे रिश्ता तोड़ लिया था. साल 2012 में दोनों की शादी हुई थी. उनकी दो बेटियां हैं. आतिया का आरोप है कि दो बेटी होने से उसके पति व ससुर नाराज थे. उसे घर से निकालना चाहते थे. जहर खिलाकर मारने की भी कोशिश हुई. अतिया ने जनवरी, 2017 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
गुलशन परवीन : दस रुपये के स्टांप पेपर पर पा ली मुक्ति
उत्तर प्रदेश के रामपुर की गुलशन परवीन की शादी 2013 में हुई थी. साल 2016 में गुलशन के पति ने दस रुपये के स्टांप पेपर पर तलाक दे दिया. पति की तरफ दहेज की मांग की गयी थी. गुलशन का आरोप है कि पति शुरू से ही उसे पसंद नहीं करता था. गुलशन ने तीन तलाक को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. उसका दो साल का बेटा है. गुलशन इंग्लिश लिटरेचर में पोस्ट ग्रेजुएट है.
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