आइ एंड बी मिनिस्टर स्मृति ईरानी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की निंदा करती हूं. जल्द जांच करके न्याय दिलाना चाहिए. उनके परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. वहीं पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि गौरी लंकेश किसी से डरतीं नहीं थीं.. आखिर उनसे डरता कौन था…उनकी लड़ाई जारी रहेगी… पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरुर ने कहा कि गौरी लंकेश की हत्या की खबर सुनकर दुख हुआ. भारत ऐसा देश नहीं था जहां पत्रकारों को गोली से शांत रखा जाता हो. उनकी आवाज आगे भी जारी रहेगी…
एक्टर और डॉयरेक्टर शेखर कपूर ने कहा कि किसी को उसके विचार के कारण मार डालना लोतंत्र नहीं है… यह शुरूआत है जहां शब्दों से ज्यादा हिंसा का बोलबाला होता है… पत्रकार गौरी लंकेश के भाई ने कहा कि वह ऐक्टिविस्ट थीं, अपना काम करती थीं, जहां तक मुझे पता है उन्हें किसी तरह की धमकी नहीं मिलती थी. उन्होंने कहा कि मैं मामले में सीबीआइ जांच की मांग करता हूं. दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि उन्होंने कुछ भी नहीं किया है.
आपको बता दें कि अपने आवास के बाहर हत्या का शिकार हुईं गौरी लंकेश एक पत्रकार-कार्यकर्ता थीं जो व्यवस्था विरोधी, गरीब समर्थक और दलित समर्थक रख रखती थीं. कन्नड पत्रकारिता में कुछ महिला संपादकों में शामिल गौरी प्रखर कार्यकर्ता थीं जो नक्सल समर्थक थीं और वामपंथी विचारों को खुले तौर पर प्रकट करती थीं.
सोशल: पत्रकार गौरी लंकेश का वो ‘आखिरी’ ट्वीट….
वर्ष 1962 में जन्मीं गौरी कन्नड पत्रकार और कन्नड साप्ताहिक टैबलॉयड ‘लंकेश पत्रिका ‘ के संस्थापक पी. लंकेश की बेटी थीं. उनकी बहन कविता और भाई इंद्रजीत लंकेश फिल्म और थियेटर हस्ती हैं. अपने भाई और पत्रिका के प्रोपराइटर तथा प्रकाशक इंद्रजीत से मतभेद के बाद उन्होंने लंकेश पत्रिका के संपादक पद को छोडकर 2005 में कन्नड टैबलॉयड ‘गौरी लंकेश पत्रिका’ की शुरूआत की थी.
भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी और पार्टी पदाधिकारी उमेश दोषी द्वारा दायर मानहानि मामले में पिछले वर्ष हुबली के मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था जिन्होंने 23 जनवरी 2008 को उनकी पत्रिका में प्रकाशित एक खबर पर आपत्ति जतायी थी. गौरी समाज की मुख्य धारा में लौटने के इच्छुक नक्सलियों के पुनर्वास के लिए काम कर चुकी थीं और राज्य में सिटीजंस इनिशिएटिव फॉर पीस (सीआईपी) की स्थापना करने वालों में शामिल रही थीं.