उधर सेक्स सीडी का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. छतीसगढ़ के मंत्री राजेश मुन्नत ने मीडिया के सामने आकर सेक्स सीडी को फेक बताया और मुख्यमंत्री से किसी एजेंसी के माध्यम से जांच की अपील की है.
गौरतलब है कि कि वर्मा इडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य भी हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 384 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. उधर विनोद वर्मा के वकील थाना पहुंच चुके हैं.रायुपर में कुछ सीडी बरामद की गई हैं. इस जांच के सिलसिले में विनोद वर्मा की गिरफ्तारी की गयी है.वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल ने भी फेसबुक पोस्ट के जरिए वर्मा की गिरफ्तारी की जानकारी दी है.
टीवी रिपोर्ट में यूपी डीजीपी के हवाले से बताया गया है कि इस गिरफ्तारी को सिर्फ छत्तीसगढ़ पुलिस ने अंजाम दिया है .बीबीसी और अमर उजाला के पूर्व पत्रकार की गिरफ्तारी की खबर बाहर आने के बाद इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के अनेक वरिष्ठ पत्रकार गाजियाबाद पुलिस स्टेशन के बाहर एकत्रित हो गए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एच एन सिंह ने बताया कि विनोद वर्मा को इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित महागुन मेंशन अपार्टमेंट से रात साढे तीन बजे छत्तीसगढ पुलिस की एक टीम ने गाजियाबाद पुलिस से गिरफ्तार किया.उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ के रायपुर जिले के पंडरी पुलिस स्टेशन में पत्रकार के खिलाफ ब्लैकमेल और उगाही का मामला दर्ज किया है.
रायपुर जिले के पुलिस अधीक्षक संजीव शुक्ला ने बताया कि प्रकाश बजाज नामक व्यक्ति ने रायपुर के पंडरी पुलिस स्टेशन में एक अज्ञात कॉलर द्वारा फोन पर परेशान किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. फोन करने वाले व्यक्ति ने उसे कहा था कि उसके पास उसके आका की एक सीडी है. शुक्ला ने बताया कि फोन करने वाले ने उसे धमकी दी थी कि उसकी मांग पूरी न होने पर वह सीडी बांट देगा. अधिकारी ने बताया कि एक खोजी दल पत्रकार का पता लगाने दिल्ली पहुंचा था.
पत्रकारों ने कहा – अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश उर्मिल ने कहा कि पत्रकार को हिरासत में लेने की यह शैली मुझे इमरजेंसी की याद दिला रही है. मैं यहीं थाने में एक शीशे की दीवार के पार विनोद से हो रही पुलिसिया पूछताछ को देख रहा हूं. वकील ओमवीर सिंह और अमित यादव थाने पहुंच चुके हैं.पूर्व पत्रकार और आप के सीनियर नेता आशुतोष ने इस गिरफ्तारी को प्रेस की आजादी पर हमला बताया है