नयी दिल्ली : गुजरात में चुनाव की तैयारी में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर गुरुवारको राज्य के दौरे पर जा रहे हैं, वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का 4 से 9 नवंबर तक प्रदेश के प्रवास का कार्यक्रम हैं. शाह अपने छह दिवसीय प्रवास के दौरान प्रदेश के विभिन्न इलाकों का दौरा करेंगे साथ ही जिला प्रभारियों एवं अन्य नेताओं के साथ चर्चा करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 1 से 3 नवंबर तक गुजरात दौरे पर हैं. गुजरात प्रदेश भाजपा प्रवक्ता भरत भाई पांड्या ने बताया कि अमित शाह का 4 से 9 नवंबर तक गुजरात प्रवास का कार्यक्रम है. इस दौरान राज्य को चार जोन में बांट कर उनकी यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. बोचासनवासी श्री अक्षरपुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी दो नवंबर को गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर के रजत जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे. मोदी ने गत सप्ताह चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले अपने गृह राज्य में कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया था.
पांड्या ने बताया कि भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति की बैठक 21 से 26 अक्तूबर को हो चुकी है. अमित शाह 4 नवंबर को कच्छ, मोरबी, सुरेंद्र नगर, भावनगर, वोटाड, अमरेली, अहमदाबाद की यात्रा करेंगे, जबकि 5 नवंबर को वे वलसाड, नवसारी, डांग, पंचमहल, दाहोद, सांवरकांठा जायेंगे. 6 नवंबर के दिन को आरक्षित रखा गया है और समझा जाता है कि इस दिन वे प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश भाजपा नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं. सात नवंबर को शाह राजकोट, सूरत जायेंगे. उनका तापी, जामनगर, देवभूमि, द्वारका, बड़ोदरा, छोटा उदयपुर जाने का भी कार्यक्रम है. पार्टी के एक अन्य नेता ने बताया कि इस बैठक के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने जिला स्तर के पार्टी प्रभारियों से फीडबैक प्राप्त किया था.
भाजपा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, ऐसे में समझा जाता है कि प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में संभावित उम्मीदवारों एवं वर्तमान विधायकों के बारे में चर्चा हुई. समझा जाता है कि अमित शाह की यात्रा के दौरान उम्मीदवारों के विषय पर भी चर्चा हो सकती है और प्रत्येक सीट के हिसाब से उम्मीदवारों की संभावना पर विचार किया जा सकता है. पिछले 15 वर्षों में पहली बार भाजपा गुजरात विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के बिना लड़ रही है, जब मोदी साल 2014 में देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं.
भाजपा को कांग्रेस के अलावा पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के अलावा ओबीसी वर्ग के नेता के रूप में उभरे अल्पेश ठाकुर और उना में दलितों की पिटायी के मुद्दे पर उभरे नेता जिग्नेश मेवाणी की तिकड़ी का सामना करना पड़ रहा है. पांड्या का हालांकि कहना है कि ये तीनों अपने मकसद में उतने ही अलग अलग हैं जितने जमीन आसमान. यह गठजोड़ एक चीज पर टिका हुआ है, वह है भाजपा के प्रति नफरत और विरोध. इसलिए यह कामयाब नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र और राज्यों में सत्ता खोने के बाद हताश हो चुकी है और कांग्रेस और उसके नेता हताशा में आरोप लगा रहे हैं. उनके पास कहने को कुछ नहीं बचा है. गुजरात में 182 विधानसभा सीटों के लिए 9 और 14 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव होंगे. वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि साल 2002 में भाजपा की वोट हिस्सेदारी कांग्रेस के मुकाबले 10-11 प्रतिशत ज्यादा थी. ऐसे में महज 6 प्रतिशत वोटे के कांग्रेस की तरफ झुकाव से भाजपा के जीत के सपने को झटका लग सकता है.
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