निर्भया की मां ने कहा, राहुल की वजह से मेरा बेटा पायलट बना, कभी हार नहीं मानने की दी थी सलाह

नयी दिल्‍ली : दिसंबर 2012 में दरिंदों की शिकार बनी निर्भया की मां ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि राहुल गांधी की वजह से ही मेरा बेटा पायलट बन पाया है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने उनके बेटे को जो सलाह दी, उसी की बदौलत वह पायलट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2017 5:12 PM
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नयी दिल्‍ली : दिसंबर 2012 में दरिंदों की शिकार बनी निर्भया की मां ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का आभार प्रकट करते हुए कहा है कि राहुल गांधी की वजह से ही मेरा बेटा पायलट बन पाया है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने उनके बेटे को जो सलाह दी, उसी की बदौलत वह पायलट बनने में कामयाब हुआ. निर्भया की मां आशा देवी ने एक अंग्रेजी पत्रिका से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल ने उनके बेटे को कभी हार नहीं मानने की सलाह दी थी.

आशा देवी ने कहा, ‘उस त्रासदी ने मेरे बेटे को तोड़ दिया था, लेकिन उसके इरादे को नहीं डिगा पाया. अब वह राहुल गांधी की बदौलत पायलट बन गया है. इस वक्‍त वह गुरुग्राम में कमर्शियल एयरलाइन का पायलट बनने की फाइनल ट्रेनिंग ले रहा है और उसके बाद वह जल्‍द ही विमान उड़ा सकेगा.’ निर्भया के पिता ने भी यही बात कही.

आशा देवी ने कहा, ‘वो राहुल गांधी ही हैं जिन्‍होंने मेरे बेटे को परिवार को सहारा देने की खातिर कुछ अच्‍छा करने और लक्ष्‍य हासिल करने के लिए प्रेरित किया. यह जानने के बाद कि वो डिफेंस फोर्स ज्‍वॉइन करना चाहता है राहुल ने उसे स्‍कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया था.’ उन्‍होंने यह भी बताया कि राहुल उनके बेटे से फोन पर बातें भी किया करते थे और उसे सिखाते थे कि कभी हिम्‍मत नहीं हारनी चाहिए.’

निर्भया को मिला इंसाफ

गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ एक चलती बस में गैंगरेप हुआ था. उसके साथ 6 लोगों ने ऐसी हैवानियत की थी कि 29 दिसम्बर को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. दो नाबालिगों को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों की फांसी की बरकरार रखी है. लेकिन अभीतक उन्‍हें फांसी नहीं जा सका. ऐसे में कुछ दिनों पूर्व ही निर्भया की मां ने दिल्‍ली महिला आयोग में अर्जी लगायी थी, महिला आयोग ने तत्‍काल संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन और डीसीपी (साउथ) को नोटिस जारी कर पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पांच महीने बाद भी दोषियों को फांसी क्‍यों नहीं दी गयी.

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