केजरीवाल ने पहले बताया था कि खट्टर ने उन्हें आज चंडीगढ बुलाया है क्योंकि व्यस्त होने के कारण वह दिल्ली में मुलाकात नहीं कर पाए थे. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पडोसी राज्यों में पराली जलाये जाने का समाधान खोजने के लिए हरियाणा एवं पंजाब के अपने समकक्षों के साथ बैठक की इच्छा जतायी थी. हर साल सर्दी के दौरान क्षेत्र में जहरीली धुंध छाने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों के पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
केजरीवाल ने हाल में कहा था कि केंद्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली सरकारों को राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार रखना चाहिए और पराली जलाये जाने के स्थायी समाधान के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने से कल इनकार कर दिया था और कहा था केजरीवाल इस गंभीर मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दें. सिंह ने दावा किया कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री इस पर इतना जोर क्यों दे रहे हैं, जबकि उन्हें यह पता है कि इस तरह की चर्चा अर्थहीन और बेकार होगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दिल्ली में प्रदूषण रोकने की अपनी सरकार की नाकामी से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका सम-विषम योजना को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रतिक्रिया ने खुलासा कर दिया है. सिंह ने यह भी कहा कि केजरीवाल से मुलाकात करना व्यर्थ है और उन्होंने जोर दिया कि पराली जलाने के मामले को केंद्र को सुलझाना चाहिए.