साल 2017 में सोशल मीडिया बना महिलाओं का मुख्य हथियार

-रचना प्रियदर्शिनी-साल 2017 को अगर ‘महिलाओं का साल’ कहा जाये, तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी. हालांकि ऐसा नहीं है कि बीते वर्ष में महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं हुए, लेकिन इस जाते हुए साल में जो सबसे बड़ी उपलब्धि महिलाओं ने हासिल की, वह यह कि उन्होंने बोलना सीखा. वे मुखर रूप से अपनी समस्याओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2017 2:48 PM
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-रचना प्रियदर्शिनी-

साल 2017 को अगर ‘महिलाओं का साल’ कहा जाये, तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी. हालांकि ऐसा नहीं है कि बीते वर्ष में महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं हुए, लेकिन इस जाते हुए साल में जो सबसे बड़ी उपलब्धि महिलाओं ने हासिल की, वह यह कि उन्होंने बोलना सीखा. वे मुखर रूप से अपनी समस्याओं को लेकर दुनिया के सामने आयीं. उन्होंने दुनिया के साथ न केवल अपनी सामाजिक समस्याएं साझा कीं, बल्कि अपनी बेहद निजी या व्यक्तिगत समस्याओं को भी साझा करने की हिम्मत दिखायी. इस दिशा में सोशल मीडिया महिलाओं के लिए हथियार बन कर उभरा. साल 2017 में सोशल मीडया पर महिला समर्थित कई ऐसे कैंपेन चले, जिन्होंने उनकी आवाज को दुनिया के समक्ष रखने में उनकी मदद की. इनमें से कुछ कैंपेन पहले के भी थे, जिन्हें 2017 में समर्थन मिला. सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि इनमें से ज्यादातर कैंपेन किसी महिला द्वारा ही चलाये गये और मजेदार बात यह कि एक समय के बाद पुरुषों ने भी उनके माध्यम से अपनी मिलती-जुलती समस्याओं को साझा किया. चलिए ऐसे ही कुछ कैंपेन पर एक नजर डालते हैं:

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