गुवाहाटी : असम के लिए बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पहला मसौदा जारी कर दिया गया है जिसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों को कानूनी रूप से भारत का नागरिक सूचीबद्ध किया गया है. इस वृहद अभियान का उद्देश्य असम में अवैध प्रवासियों की पहचान करना है जिसकी सीमा बांग्लादेश से लगी हुई है.
सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग पूरे असम में यह देखने के लिए एकत्रित हुए कि उनका नाम उस सूची में है या नहीं जिसमें शामिल नामों को उच्चतम न्यायालय की निगरानीवाली कवायद में भारत के नागरिक के तौर पर मान्यता दी गयी है. दस्तावेज को मध्य रात्रि में जारी किया गया था. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अन्य नामों का विभिन्न स्तरों पर सत्यपान चल रहा है.
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) शैलेश ने कुल 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड नामोंवाला पहला मसौदा जारी करते हुए कहा, किसी को घबराने की जरूरत नहीं है. अन्य नाम सत्यापन के विभिन्न चरणों में हैं, जैसे ही सत्यापन हो जायेगा हम लोग अन्य मसौदा भी ले आयेंगे. आरजीआई ने संवाददाताओं से कहा, यह (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) अभूतपूर्व है. इस देश में इसका कोई उदाहरण नहीं है. मुझे इस बात का संदेह है कि विश्व में भी ऐसा कोई अन्य देश है जहां लोगों की नागरिकता का पता लगाने के लिए ऐसी कोई जटिल पद्धति है. कानून एवं व्यवस्था सुनिश्वित करने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी थी.
अगले मसौदा की संभावित समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एनआरसी प्राधिकरण अपना मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष अप्रैल में अगली सुनवाई के दौरान रखेगा जिसकी निगरानी में दस्तावेज को तैयार किया जा रहा है उसके बाद तिथि पर तदनुसार निर्णय किया जायेगा.
शैलेश ने कहा, हम एक त्रुटिहीन मसौदा प्रकाशित करने के इरादे से काम कर रहे हैं. किस समय और कब हम अगला मसौदा प्रकाशित करेंगे वह उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश में होगा. हम पूरी प्रक्रिया वर्ष 2018 के अंदर पूरी कर लेंगे. आरजीआई ने कहा कि इस प्रक्रिया का जमीनी कार्य दिसंबर 2013 में शुरू हुआ था और गत तीन वर्षों में उच्चतम न्यायालय में अभी तक 40 सुनवाई हो चुकी है. एनआरसी राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने कहा कि आवेदन की प्रक्रिया मई, 2015 में शुरू हुई थी, जिसमें समूचे असम के 68.27 लाख परिवारों से कुल 6.5 करोड़ दस्तावेज प्राप्त किये गये थे.
हजेला ने कहा, नामों की जांच एक लंबी प्रक्रिया है. इसलिए ऐसी संभावना है कि पहले मसौदे में कई ऐसे नाम नहीं हों जो एक ही परिवार से आते हों. चिंता की जरूरत नहीं है, क्योंकि बाकी के दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है. समूचे असम में बने एनआरसी के सेवा केंद्रों पर लोग सुबह आठ बजे से ही मसौदे में अपने नाम तलाशने के लिए जुट गये थे. कई परिवारों ने दावा किया के उनके कुछ ही सदस्यों के नाम सूची में है, जबकि अन्य ने कहा कि किसी सदस्य का नाम नहीं है.
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी