“आप” राज्यसभा उम्मीदवार : सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विरोध, लीडर नहीं डीलर

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए संजय सिंह, एन डी गुप्ता और सुशील गुप्ता को चुना है. इन तीन नामों में सबसे ज्यादा विरोध सुशील गुप्ता को लेकर हो रहा है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक यह विरोध दिख रहा है. कपिल मिश्रा राजघाट पर मौन रहकर विरोध कर रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2018 11:37 AM
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नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए संजय सिंह, एन डी गुप्ता और सुशील गुप्ता को चुना है. इन तीन नामों में सबसे ज्यादा विरोध सुशील गुप्ता को लेकर हो रहा है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक यह विरोध दिख रहा है. कपिल मिश्रा राजघाट पर मौन रहकर विरोध कर रहे हैं तो कई लोग सोशल मीडिया पर कविताओं के जरिये. सुशील को लेकर कई तरह के दावे किये जा रहे है. इस फैसले से ज्यादातर कार्यकर्ता और नेता नाराज हैं. विधायक अलका लांबा ने एक कविता के जरिये मन की बात लिखी है.

इस कविता में उन्होंने लिखा, मैं गुस्सा थी,वह खमोश थे,खामोश रह कर भी वह मेरे हर प्रश्न का जवाब देते रहें, वो उस तरफ थे, फिर भी आँखों-आँखों में साथ होने का एहसास हर बार देते रहें. ना वो ख़ुश थे,ना मैं खुश थी,ना ही फ़ैसले सुनाने वाले ही खुश थे, तसल्ली बस इस बात की थी कि अंत में "हम सब फिर एक साथ थे". अलका लांबा इस पूरे मामले पर अपना पक्ष भी लिखा है. मेरी व्यक्तिगत राय: कोई किसी भी सदन में लोगों-दलों द्वारा"सिर्फ और सिर्फ"इसलिये नहीं भेजा जाना चाहिये क्यों कि वह "सिर्फ एक" "महिला है", "मुस्लिम है", "दलित है" या फिर "पैसे वाला है". यह तय सिर्फ और सिर्फ भेजे जाने वाले कि ईमानदारी और क़ाबलियत पर होना चाहिये,ताकि देश को फ़ायदा हो.

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