केरल में 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

नयी दिल्ली : केरल में गत वर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर विवाद के बावजूद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर वाम शासित इस राज्य में एक बार फिर तिरंगा फहराने की तैयारी में हैं. आरएसएस सदस्यों ने कहा कि भागवत 26 जनवरी को केरल में पलक्कड़ जिले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2018 7:20 PM
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नयी दिल्ली : केरल में गत वर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने को लेकर विवाद के बावजूद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर वाम शासित इस राज्य में एक बार फिर तिरंगा फहराने की तैयारी में हैं. आरएसएस सदस्यों ने कहा कि भागवत 26 जनवरी को केरल में पलक्कड़ जिले के बाहरी क्षेत्र स्थित एक स्कूल में तिरंगा झंडा फहरायेंगे.

भागवत पलक्कड़ नगर के पास एक स्कूल में 26 जनवरी से शुरू होनेवाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के तीन दिवसीय शिविर में हिस्सा लेने के लिए केरल में रहेंगे. संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, सरसंघचालकजी (आरएसएस प्रमुख) स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर जहां कहीं भी होते हैं वह राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. चूंकि वह 26 जनवरी को केरल में रहेंगे वह वहां तिरंगा फहरायेंगे. इसे केवल इसी परिपेक्ष्य में देखा जाना चाहिए.

आरएसएस सदस्यों ने कहा कि जिस स्कूल में आरएसएस के कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है उसका प्रशासन आरएसएस के भारतीय विद्या निकेतन के अधीन है. आरएसएस के प्रांतीय समन्वयक केके बलराम ने कहा, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने के लिए सुबह में एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा जिसमें सरसंघचालकजी राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे. बलराम ने कहा कि स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि कार्यक्रम का आयोजन संघ संचालित स्कूल में हो रहा है, किसी सरकारी संस्थान में नहीं.

गत वर्ष 15 अगस्त को भागवत ने जिला प्रशासन के आदेश के खिलाफ पलक्कड़ जिले में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल में तिरंगा झंडा फहराया था. राज्य सरकार ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है. केरल में आरएसएस की पर्याप्त मौजूदगी है जहां भाजपा अपनी पैठ बनाने का प्रयास कर रही है. गत वर्ष भाजपा प्रमुख अमित शाह ने अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा के खिलाफ केरल में अपनी जनरक्षा यात्रा शुरू की थी. केरल में सत्ताधारी माकपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.

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