मोदी ने कहा, सिर्फ शिलान्यास ही नहीं काम भी करके दिखाना पड़ता है. ‘पत्थर लगाने से काम शुरू नहीं होता.’ मैं सुनता रहता था कि राजस्थान में कांग्रेस और अकाल जुड़वा भाई हैं. जहां कांग्रेस जाती है अकाल साथ-साथ जाता है.
मोदी ने कहा, यह संकल्प से सिद्धि का समय है. हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम पर फोकस करना चाहिए. वन रैंक वन पेंशन पर बोलते हुए मोदी ने कहा, तीन मूर्ति हाइफा चौक मेजर दलपत सिंह शेखावत की याद में बना है. ‘वन रैंक वन पेंशन’ के लिए पहले भी वादे किये गये थे, चुनाव से पहले इसे भुनाने का प्रयास हुआ था. यह उनकी (कांग्रेस की) आदत है.
मोदी ने आगे कहा, 15 सितंबर 2013 को मैंने रेवाड़ी में भूतपूर्व सैनिकों के सामने घोषणा की थी, यदि हमारी सरकार आयेगी तो वन रैंक वन पेंशन लागू होगा. फिर उन्होंने आनन-फानन में अंतरिम बजट में 500 करोड़ का बजट लिख दिया. जब हमने हिसाब लगाया कि वन रैंक वन पेंशन के लिए कितना धन लगेगा. पता चला को मामला 12 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का था.
जनधन खातों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, आज प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत लगभग 32 करोड़ लोगों के बैंक में खाता खोल दिया है. गरीबों का सशक्तिकरण हमारी कोशिश है. बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ लेकिन उनके लिए बैंक के दरवाजे नहीं खुले. उज्जवला योजना पर मोदी ने कहा कि अगर गैस का चूल्हा चाहिए तो नेताओं को पीछे घूमना पड़ता था. हमने फैसला किया कि गरीब माताओं-बहनों को गैस का कनेक्शन देकर लकड़ी के धुएं से मुक्ति दिलायेंगे.