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दरअसल, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शुक्रवार को सांसद पीसी मोहन के घर गये हुए थे. मोहन ने नायडू को नाश्ते पर आने का न्योता दिया था. सांसद के घर के अंदर दाखिल होने से पहले नायडू ने अपने चप्पल बाहर निकाले और घर के अंदर चले गये, लेकिन जब वे वापस लौटे, तो उन्हें उनके उनका चप्पल नहीं मिला.
यह घटना समाने आते ही पूरा स्टाफ और सुरक्षाकर्मी उनका चप्पल ढूंढ़ने में लग गया, लेकिन उसका कहीं भी पता न चल सका. काफी प्रयास के बाद जब उपराष्ट्रपति नायडू के चप्पल नहीं मिले, आखिर में पास ही के एक शोरूम से उनके लिए चप्पल खरीदकर लाये गये. इसके बाद ही वे सांसद मोहन के यहां आयोजित समारोह से बाहर निकल पाये.
इससे पहलेे, पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा में संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति नायडू ने बताया था कि कैसे वह वजन घटाने के एक विज्ञापन से धोखाधड़ी का शिकार हो गये थे. नायडू ने बताया था कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैंने वजन घटाने की सोची थी. मैंने एक ऐसी कंपनी का विज्ञापन देखा, जिसमें एक दवा के जरिये बहुत कम वक्त में वजन घटाने का दावा किया गया था. वजन घटाने वाली कंपनी ने दवा के लिए एक हजार रुपये मांगे थे, जिसे देने के बाद भी कंपनी ने दवा नहीं दी.