इस कदम का लक्ष्य व्यय में पारदर्शिता और जिम्मेदारी स्थापित करना है. एक अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2018-19 के परिणामी बजट बनाने की तैयारी के लिए विभाग-वार तीन दिवसीय चर्चा सात फरवरी से शुरू होगी. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों की तरह इस बार भी बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन पर खास ध्यान दिया जायेगा.
अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के अनुसार, महिला एवं बाल कल्याण, अनुसूचित जाति/ जनजाति, सामाजिक कल्याण, शिक्षा, कला, संस्कृति और भाषा, श्रम और दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड विभागों के व्यय और प्रस्ताव पर सात फरवरी को चर्चा आयोजित की जायेगी.
आठ फरवरी को स्वास्थ्य, गृह, पर्यटन, विकास और पर्यावरण विभाग पर चर्चा होगी जबकि नौ फरवरी को लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, शहरी विकास और राजस्व आदि विभागों पर चर्चा की जायेगी. पिछले साल दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने वर्ष 2017-18 का परिणामी बजट पेश किया था और कहा था कि देश में पहली बार दिल्ली सरकार ने इस तरह की प्रक्रिया अपनायी है.