उच्च सदन की बैठक शुरू होने के बाद ही सपा के नरेश अग्रवाल ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सभी सदस्य आसन का पूरा सम्मान करते हैं और सदन के संचालन को लेकर एक सदस्य द्वारा सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया जाना अवांछित और असंसदीय है. अग्रवाल ने सांसद का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा कि फेसबुक पर सभापति की आलोचना करने के लिए उस सदस्य को आसन से माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा के भूपेंद्र यादव ने कहा कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन इस तरत से सोशल मीडिया पर टिप्पणियां करना आसन का अपमान है. विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह कृत्य ‘‘असंसदीय’ है और ‘‘हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.’
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि आसन की ओर से सभी सदस्यों को पर्याप्त समय दिया जाता है और ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी को सोशल मीडिया पर जाने की जरूरत है.’ किसी भी सांसद ने फेसबुक पर आसन के खिलाफ टिप्पणी करने वाले सदस्य का नाम नहीं लिया. इस दौरान सभापति एम वेंकैया नायडू ने कुछ भी नहीं कहा.