नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 11,356 करोड़ रुपये के घोटाले में शनिवार को बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी को सीबीआइ ने मुंबई से गिरफ्तार किया है. शेट्टी पर नीरव मोदी को बगैर बैंक गारंटी लोन देने का आरोप है. इसके अलावा पीएनबी के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात और ऑथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट को भी गिरफ्तार किया गया है. तीनों आरोपियों को दोपहर बाद सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा.
आप भी जानें गोकुलनाथ और खरात पर क्या आरोप
जांच में यह बात सामने आयी है कि मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में काम कर रहे डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने विंडो ऑपरेटर मनोज खरात नाम के साथ मिलकर नीरव की कंपनियों को फर्जी तरीके से एलओयू (लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग) दिया था. हेराफेरी छिपाने के उद्देश्य से बैंके रिकॉर्ड में इसकी एंट्री भी नहीं की गयी थी. बाद में इन्हीं फेक एलओयू के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने बैंक को डॉलर में लोन दिये थे. इन लोन का इस्तेमाल बैंक के एनओएसटीआरओ खातों की फंडिंग के लिए किया गया था. इन खातों से फंड को विदेश में कुछ फर्मों के पास भेजा गया, जो नीरव मोदी की कंपनी से संबंध रखती थीं. यहां चर्चा कर दें कि शेट्टी पिछले साल मई में पंजाब नेशनल बैंक से डिप्टी मैनेजर के पद से रिटायर हो चुके हैं. एफआईआर में दिये शेट्टी के पते के अनुसार वह मुंबई के बोरीवली में रहता था.
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