नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक कारोबारी के साथ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के कथित भूमि खरीद-फरोख्त को लेकर राहुल गांधी से स्पष्टीकरण मांगा है. दरअसल, कथित रिश्वतखोरी को लेकर 2013 में इस कारोबारी के खिलाफ सीबीआई ने जांच की थी.
हालांकि, सिब्बल ने आरोपों से इनकार किया है और न्यूज वेबसाइट ऑपइंडिया डॉट कॉम के खिलाफ मानहानि का एक मुकदमा दायर करने की धमकी दी है. ईरानी ने अपने आरोपों के लिए इसी वेबसाइट का हवाला दिया है. सिब्बल ने इन आरोपों को सीबीएसई पेपर लीक जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश भी बताया. ईरानी ने एक दक्षिण अफ्रीकी मीडिया में आयी रिपोर्ट का भी हवाला दिया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कारोबारी पीयूष गोयल धन शोधन (मनी लाऊंड्रिंग) में संलिप्त थे. ऑपइंडिया डॉट कॉम का जिक्र करते हुए ईरानी ने आरोप लगाया कि सिब्बल और उनकी पत्नी ने ग्रांड केसिलो नाम की एक कंपनी 2017 में गोयल से खरीदी थी, जबकि संप्रग सरकार रिश्वतखोरी को लेकर कारोबारी के खिलाफ जांच कर रही थी.
ईरानी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि लोग कह सकते हैं कि धन शोधन करनेवाले इस व्यक्ति के साथ कारोबार करने का सिब्बल के पास अधिकार है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं पूछती हूं कि क्या यह राहुल गांधी के लिए राजनीतिक रूप से स्वीकार्य है?’ उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस नेतृत्व के लिए आज यह इतना स्वभाविक है कि धन शोधन करनेवाले व्यक्ति को वह गले लगाये और रिश्वतखोरी को लेकर जिसके खिलाफ जांच हुई हो, उससे हाथ मिलाये. भाजपा नेता ने मीडिया की खबर का हवाला देते हुए दावा किया कि कंपनी का वित्त वर्ष 2013-14 में कोई कारोबार नहीं था. इसने एक भूखंड खरीदी, जिसकी अनुमानित कीमत 45.21 करोड़ रुपया है. वेबसाइट के मुताबिक सिब्बल ने बहुत कम रकम में यह भूखंड खरीदा.
ईरानी ने भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि जिस समय कांग्रेस की सरकार थी, उस समय एसबीआई के एक अधिकारी को रिश्वत देने के संबंध में सीबीआई जांच कर रही थी. जिस शख्स का नाम सामने आया वह वर्ल्ड विंडो ग्रुप के चेयरपर्सन पीयूष गोयल थे. साथ ही, दक्षिण अफ्रीका के खोजी पत्रकारों ने दावा किया था कि यह व्यक्ति मनी लाउंड्रिंग मामले में संलिप्त है. ईरानी ने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका के पत्रकारों ने इस मामले में कपिल सिब्बल से संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने इस मामले में झूठ बोला. इस बीच, आनन-फानन में बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में पूर्व कानून मंत्री सिब्बल ने कहा कि उन्होंने यह भूखंड अपने पैसों से खरीदा था जो उनकी और उनकी कंपनी की आयकर दाखिल के दस्तावेज में दर्ज है.
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