बजट सत्र : 23 दिनों के बाधित हिस्से का वेतन और भत्ता नहीं लेंगे एनडीए के सांसद

नयी दिल्ली : विपक्ष को शर्मिंदा करने के प्रयास में, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए के सांसद वर्तमान बजट सत्र के उन 23 दिन का वेतन और भत्ता नही लेंगे जब कांग्रेस तथा अन्य राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी.... कुमार ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2018 10:11 PM
feature

नयी दिल्ली : विपक्ष को शर्मिंदा करने के प्रयास में, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने बुधवार को कहा कि सत्तारूढ़ एनडीए के सांसद वर्तमान बजट सत्र के उन 23 दिन का वेतन और भत्ता नही लेंगे जब कांग्रेस तथा अन्य राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन के कारण संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी.

कुमार ने संसद के दोनों सदनों में हंगामे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि वह ‘लोकतंत्र विरोधी’ राजनीति कर रही है. संसदीय कार्य मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित होने से रोका जो करदाताओं के धन की ‘आपराधिक क्षति’ है. उन्होंने कहा कि भाजपा और कई सहयोगी दलोंवाले राजग के सांसद सत्र के बाधित हिस्से के लिए अपना वेतन नही लेंगे. सत्र शुक्रवार को समाप्त हो रहा है.

कुछदिन पहले ही भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने संसद में ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम को लागू किये जाने की मांग को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखी थी. उन्होंने कहा था कि यह देखना भी उतना ही दुखी करनेवाला है कि जन प्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं. उन्होंने लिखा था, ‘इसलिए मैं सांसदों के किसी रचनात्मक कार्य में शामिल नहीं होने पर उनका वेतन काटने का प्रस्ताव रखता हूं और ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम का पालन किया जाना चाहिए.’

इससे पहलेभाजपा के सांसद वरुण गांधी ने सांसदों का वेतन और भत्ते तय करने के लिए एक ‘बाहरी संस्था’ का सुझाव दिया था. उन्होंने दावा किया था कि पिछले छह वर्षों में इसे चार सौ प्रतिशत बढ़ाया गया और सवाल किया कि क्या ‘वास्तव में इतनी भारी वेतन बढ़ोतरी मुनासिब है.’ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद ने कहा, ‘सांसदों का वेतन पिछले छह वर्षों में चार बार बढ़ाया गया, लेकिन संसद एक वर्ष में केवल 50 दिन ही चली, जबकि1952-72 के दौरान संसद 130 दिन चलती थीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखा था और उनसे एक ‘अभियान’ शुरू करने और ‘अमीर सांसदों’ को अपने शेष कार्यकाल के लिए अपना वेतन छोड़ने के लिए कहने का सुझाव दिया था.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version