#AsaramVerdict आसाराम को किस मामले में दोषी करार दिया गया है?

जोधपुर : स्वयं को संत बताने वाले अासाराम को आज जोधपुर की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में दोषी करार दिया. यह मामला आसाराम के मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम का है, जहां रह रही एक लड़की ने खुद के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2018 12:14 PM
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जोधपुर : स्वयं को संत बताने वाले अासाराम को आज जोधपुर की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के एक मामले में दोषी करार दिया. यह मामला आसाराम के मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम का है, जहां रह रही एक लड़की ने खुद के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, निचली अदालत जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर मेंमामले की सुनवाई कर रही है जहां आसाराम पिछले चार साल से बंद है.

आसाराम पर उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर की एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का आरोप है जो मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के उनके आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. हालांकि आसाराम ने बलात्कार के आरोपों का खंडन किया है. पीड़िता के शाहजहांपुर स्थित आवास के बाहर भी सुरक्षा कड़ी की गयी है.

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लड़की से कथित बलात्कार का यह मामला 15 अगस्त 2013 का है.जबबीमार लड़की के माता-पिता को बाहररख कर उसे आसाराम के कक्ष में भेजागया और विशेष तरीके से इलाज करने का हवाला दिया गया. इसके बाद 20 अगस्त 2013 को लड़की के परिवार वालों ने दिल्ली में बलात्कार, गलत तरीके से रोकने, यौन उत्पीड़न करने, ट्रैफिकिंग, आपराधिक धमकी देने व डराने एवं आपाराधिक साजिश रचने की शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद जांच दल ने पहला चार्जशीट दस सप्ताह में तैयार किया. पुलिस ने इस मामले में आसाराम को उसके जोधपुर आश्रम से 30 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया.

घटना के वक्त लड़की की उम्र 16 साल थी और इस कारण उस समय 74 साल के आसाराम पर पाेक्सो एक्ट के तहत व अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. लड़की को उसकी बीमारी की वजह से स्वास्थ्य लाभ व बेहतर माहौल के लिए सलाह के बाद आसाराम के अाश्रम में भर्ती कराया गया था. इस मामले में आश्रम की वार्डन शिल्पी और आश्रम का प्रभारी या कथित सेवादार शरद को भी दोषी करार दिया गया है. इस मामले में लड़की के माता-पिता को जान से मारने की भी धमकी दी गयी.


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