मैं कांग्रेस की दया पर हूं, उनकी अनुमति के बिना कुछ नहीं कर सकता हूं : कुमारस्वामी

नयी दिल्ली : कर्नाटक में तीसरे नंबर की पार्टी जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी भले राज्य के मुख्यमंत्री बन गये हों, लेकिन एक छोटी पार्टी के नेता के रूप में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शपथ ग्रहण के बाद न तो कुमारस्वामी सरकार का विस्तार हुआ है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2018 1:14 PM
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नयी दिल्ली : कर्नाटक में तीसरे नंबर की पार्टी जनता दल सेकुलर के नेता एचडी कुमारस्वामी भले राज्य के मुख्यमंत्री बन गये हों, लेकिन एक छोटी पार्टी के नेता के रूप में उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शपथ ग्रहण के बाद न तो कुमारस्वामी सरकार का विस्तार हुआ है और न ही विभागों के बंटवारे पर सहयोगी कांग्रेस से बातचीत अंतिम नतीजे तक पहुंची है. कुमारस्वामी की मजबूरी का अहसास आज उनके बयान से भी हुआ. उन्होंने आज कहा कि वे कांग्रेस की दया पर निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि मैं राज्य के विकास के लिए जिम्मेदार हूं. मैं मुख्यमंत्री के रूप में अपना काम कर रहा हूं. मुझे कांग्रेस से अनुमति लेनी होगी, उनकी अनुमति के बिना मैं कुछ नहीं कर सकता हूं, उन्होंने मुझे समर्थन दिया है. 224 विधानसभा वाली कर्नाटक में कुमारस्वामी के पास 38 विधायक हैं, जबकि उन्हें समर्थन दे रही कांग्रेस के पास 78 विधाय हैं. कांग्रेस के जी परमेश्वर ने कुमारस्वामी के साथ ही डिप्टी सीएम की शपथ ली थी, लेकिन उसके बाद से कैबिनेट का बंटवारा नहीं हो सका है.


कांग्रेस ने क्या कहा है?

उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल नेरविवारको कहा कि कर्नाटक में हाल ही में शपथ लेने वाली कांग्रेस – जदएस सरकार में विभागों के आवंटन को एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा. वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विदेश जाने की योजना विभागों के आवंटन के रास्ते में बाधक नहीं बनेगी.यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी चिकित्सीय जांच के लिए अपने बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथरविवार रात विदेश रवाना हुई.

कर्नाटक में पार्टी मामलों के प्रभारी वेणुगोपाल नेएकन्यूज एजेंसी को बताया, “ सबसे पहले हमे विभागों के आवंटन पर अंतिम निर्णय लेना है. चर्चा जारी हैं. संभवत: यह काम एक से दो दिन में पूरा हो जाएगा.” अंतिम सूची को कांग्रेस प्रमुख से स्वीकृत कराने से पहले राज्य के नेताओं से इस पर चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा, “ राहुल की गैरमौजूदगी से इसमें देर नहीं होगी. वह फोन पर हर समय उपलब्ध हैं.” उन्होंने बताया था कि विभागों के आवंटन पर चर्चा सोमवार को भी जारी रहेगी. कुछ विभागों के आवंटन को लेकर जदएस से मतभेद पर वेणुगोपाल ने कहा , “ एक गठबंधन में कुछ मुद्दे होते हैं. हम इनपर एक – दूसरे से चर्चा कर रहे हैं. इसका समाधान तत्काल ढूंढ लिया जाएगा.’

किन मंत्रालयों पर है दोनों दलों में मतभेद?

कांग्रेस और जद(एस) के बीच वित्त, गृह, लोकनिर्माण विभाग और ऊर्जा, सिंचाई और शहरी विकास जैसे प्रमुख विभागों को लेकर खींचतान चल रही है. जद(एस) नेता एवं मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कल स्वीकार किया था कि गठबंधन साझेदार के साथ विभागों के बंटवारे को लेकर कुछ ‘‘ मुद्दे ‘ हैं. गत 23 मई को कुमारस्वामी और कांग्रेस के जी परमेश्वर ने क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. यह पहले ही निर्णय हो चुका है कि कांग्रेस के 21 मंत्री और जदएस के 11 मंत्री होंगे. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने वित्त विभाग की मांग की है क्योंकि राज्य में पूर्ववर्ती गठबंधन सरकारों 2004-2006 (जदएस-कांग्रेस) के साथ ही 2006…2008 (जदएस-भाजपा) में यह विभाग उपमुख्यमंत्री पद लेने वालों को गया है. यह भी चर्चा और मांग है कि पार्टी को कैबिनेट में नये चेहरों को शामिल करना चाहिए. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में थे और उन्होंने मंत्री पद के दावेदारों से बातचीत की. कुमारस्वामी के कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की संभावना है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कल प्रदेश के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ विभाग बंटवारे को लेकर पहले दौर की चर्चा की थी लेकिन बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका. बैठक में सिद्धरमैया, परमेश्वर, मल्लिकार्जुन खड़गे और डी के शिवकुमार तथा प्रदेश पार्टी प्रभारी के सी वेणुगोपाल मौजूद थे. कांग्रेस-जदएस गठबंधन में ‘‘दरार ‘ को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जब आंतरिक लोकतंत्र होता है, साझेदारों को मुद्दे उठाने का अधिकार है और इन्हें ‘‘ दरार ‘ नहीं कहा जा सकता.

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