प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था बनाने की दिशा में नियामक एजेंसियों में सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की पहल की है. इस उद्देश्य से नियामक ढांचा तैयार करने और यूजीसी अधिनियम के पुनर्गठन के लिये बजट में घोषणा की गई थी.
उच्च शिक्षा में सुधार की कवायद के तहत कई कदम पहले ही उठाये गए हैं जिसमें नैक सुधार, विश्वविद्यालयों को ग्रेड के अनुरूप स्वायत्ता संबंधी नियमन, कालेजों को स्वायत्त दर्जा प्रदान करना, दूरस्थ शिक्षा के लिये नियमन, आनलाइन डिग्रियों के नियमन शामिल है.
अधिकारी ने बताया कि यह मसौदा अधिनियम सरकार के नियामक प्रणाली में सुधार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है जिसमें शिक्षा प्रणाली के समग्र विकास और अधिक स्वायत्ता प्रदान करने की पहल पर जोर दिया गया है.
इसमें मुख्य रूप से अनावश्यक जांच की व्यवस्था को समाप्त कर मेधा के आधार पर निर्णय लेने और व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है. इसमें भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) को अकादमिक स्तर को बेहतर बनाने और पठन पाठन पर खास ध्यान देने पर जोर देने की बात कही गई है.