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जेएनयू के कुलपति ने ट्वीट किया कि जेएनयू ने पूर्वोत्तर भारत के अध्ययन के लिए विशेष केंद्र स्थापित करने का फैसला किया है, जिसका चरित्र बहुविषयक होगा और इसमें जेएनयू के अलग-अलग स्कूलों के संकाय सदस्यों को शामिल किया जायेगा. भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं का इस विशेष केंद्र में अध्ययन किया जायेगा.
एक प्रोफेसर ने कहा कि नये केंद्र में कई विषयों से जुड़ी चीजें शामिनल होंगी, जिससे पूर्वोत्तर से जुड़े हर तरह के शोध पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, स्कूल ऑफ लैंग्वेज और लिटरेचर एंड कल्चरल स्टडीज सहित कई स्कूल शामिल होंगे.
केंद्र विश्वविद्यालय की प्रतिभा का इस्तेमाल करेगा और इससे अंतरराष्ट्रीय संबंध, भारत की लुक ईस्ट नीति के संदर्भ में पूर्वोत्तर का महत्व बढ़ेगा. अकादमिक परिषद ने पिछले महीने केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी थी और अन्य ब्योरे पर काम किया जा रहा है.