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एक विशेष मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) अदालत ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए इस साल मार्च और जुलाई में चोकसी के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी किया था. चोकसी ने विशेष पीएमएलए अदालत में अपनी अपील में कहा है कि भारत लौटने पर उसे न केवल पूर्व कर्मचारियों तथा कर्ज देने वालों से बल्कि जेल के कर्मचारियों और कैदियों से भी जान का खतरा हो सकता है.
अपील में कहा गया है कि अपीलकर्ता की कंपनी कामकाज नहीं कर पा रही है और कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है, जबकि कर्ज देने वालों का कर्ज नहीं लौटाया जा रहा है. ऐसे में ये सभी लोग चोकसी के खिलाफ गुस्से में हैं. अपील में दावा किया गया है कि भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. हाल के समय में आम जनता सड़क पर ही न्याय करने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है. आवेदक को भी इसी तरह का खतरा है. कई लोग आवेदक से नाराज हैं.
अपील में कहा गया है कि चोकसी ने कभी जांच से दूरी नहीं बनायी है. जांच एजेंसियों ने उससे जो भी पूछा है, उसका जवाब दिया है. अपील में कहा गया है कि अपने खराब स्वास्थ्य, पासपोर्ट रद्द होने और जान पर खतरे की वजह जैसी परिस्थितियों की वजह से चोकसी भारत नहीं जा रहा है. विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एमएस आजमी ने प्रवर्तन निदेशालय को चोकसी की अपील पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी.