NRC पर ममता को है आपत्ति, तो 1.14 लाख दस्तावेज में से मात्र 6% को ही क्यों किया सत्यापित?

गुवाहाटी : NRC का फाइनल ड्रॉफ्ट जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सबसे ज्यादा आपत्ति जतायी और गृहमंत्री से मिलकर इसमें संशोधन की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर यह ड्रॉफ्ट लागू हुआ तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जायेगी और ब्लड बॉथ होगा. ममता की नाराजगी स्वाभाविक है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2018 1:33 PM
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गुवाहाटी :
NRC का फाइनल ड्रॉफ्ट जारी होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सबसे ज्यादा आपत्ति जतायी और गृहमंत्री से मिलकर इसमें संशोधन की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर यह ड्रॉफ्ट लागू हुआ तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जायेगी और ब्लड बॉथ होगा. ममता की नाराजगी स्वाभाविक है क्योंकि असम में बंगालियों की संख्या बहुत है, लेकिन NRC की ओर से जो जानकारी सामने आयी है, वह ममता के गुस्से पर सवाल खड़े करता है.

प्रतीक हजेला ने कोर्ट को बताया कि फाइनल ड्रॉफ्ट में पांच लाख लोगों का नाम इसलिए शामिल नहीं हो पाया क्योंकि इन राज्यों ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा करने में सहयोग नहीं दिया. हजेला ने 5.7 लाख दस्तावेज 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा था, जो यहां रहने वालों से संबंधित थे. असम में रहने वाले ऐसे लोग जो शादी होने या काम के सिलसिले में यहां रहते हैं. इन दस्तावेजों में शैक्षणिक, जन्म, और चुनाव से संबंधित दस्तावेज थे. मार्च में हजेला ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वे इन राज्यों को निर्देश दें कि वे दस्तावेज का वेरिफिकेशन करके भेज दें.

इन राज्यों के अलावा बैंक, UIDAI, CBSE और विदेश मंत्रालय ने भी कई दस्तावेजों का सत्यापन कर उसे एनआरसी के पास नहीं भेजा, जिसके कारण मात्र 40 प्रतिशत दस्तावेज ही एनआरसी के पास सत्यापित होकर पहुंचे.

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