तमिलनाडु की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जानेवाले एम करुणानिधि अपने समर्थकों के बीच कलैनार के नाम से जाने जाते थे. डीएमके के रूप में वह एक सुदृढ़ राजनीतिक विरासत छोड़ गये हैं.
राजनीति में अपनी सीधी और बेबाक राय रखनेवाले करुणानिधि ने एक बार तो भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा दियेथे.इस पर देशभर में बवाल हो गया था.
दरअसल, साल 2007 में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के समय राम सेतु का मुद्दा संसद की चर्चा का विषय बना हुआ था. देश भर में राम सेतु को लेकर बहस का दौर चल रहा था.
इसी बीच करुणानिधि के एक बयान ने देश की सियासत में विवाद की एक नयी वजह पैदा कर दी. देश भर में राम सेतु को लेकर जारी चर्चा के बीच करुणानिधि ने सवाल उठा दिया कि एक आदमी के बनाये पुल को ना तोड़ने की बात कही जा रही है.
राम कौन थे और उनके होने के सबूत कहां हैं? करुणानिधि के इस बयान पर देश भर में विरोध का दौर शुरू हो गया था, लेकिन करुणानिधि अपनी बात पर टस से मस नहीं हुए.
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