नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की खासियत थी कि वह राजनीति में व्यावहारिक आम राय बनाते थे. यह उस वक्त भी साबित हुआ था, जब उनकी सरकार में शांतिपूर्ण ढंग से तीन नये राज्यों (छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड) का गठन हुआ था. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का गठन क्रमश: एक नवंबर, नौ […]
By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2018 8:20 AM
नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की खासियत थी कि वह राजनीति में व्यावहारिक आम राय बनाते थे. यह उस वक्त भी साबित हुआ था, जब उनकी सरकार में शांतिपूर्ण ढंग से तीन नये राज्यों (छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड) का गठन हुआ था. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड का गठन क्रमश: एक नवंबर, नौ नवंबर और 15 नवंबर, 2000 को हुआ था.
छत्तीसगढ़ को मध्यप्रदेश, उत्तराखंड को उत्तरप्रदेश और झारखंड को बिहार से अलग कर राज्य बनाया गया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी बगैर किसी परेशानी के तीनों राज्यों के गठन के लिए वाजपेयी की काबलियत की तारीफ की थी.
उन्होंने एक ब्लॉग में लिखा था, ‘वाजपेयी जी के कार्यकाल में एनडीए ने तीन बड़े राज्यों (मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार) को विभाजित कर तीननये राज्य छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड बनाये थे और कोई परेशानी नहीं हुई थी.’ पिछले महीने संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीन राज्यों के गठन में वाजपेयी की भूमिका की तारीफ की थी.