PNB Scam : पहली बार सामने आया मेहुल चोकसी, कहा – मुझे ‘सॉफ्ट टारगेट” बनाया गया

नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने कहा है कि राजनीतिक कारणों से उन्हें ‘सॉफ्ट टारगेट’ बना दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ‘लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा.’... भारत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2018 9:08 PM
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नयी दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को करीब 14 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने कहा है कि राजनीतिक कारणों से उन्हें ‘सॉफ्ट टारगेट’ बना दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें ‘लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा.’

भारत में भगोड़ा घोषित किये जा चुके और अब एंटीगुआ में रह रहे मेहुल ने हिंदी न्यूज चैनल ‘एबीपी न्यूज’ से बातचीत में खुद पर लगे आरोपों पर सफाई दी और कहा, ‘ये एक बड़ी राजनीतिक साजिश है. ये पूरा मुद्दा राजनीतिक बन गया है. बैंक डिफॉल्टर को वापस लाने का सरकार के ऊपर भारी दबाव है. इस चुनाव में जो बैंक के डिफॉल्टर हैं उनमें से किसी एक को नहीं लाया जायेगा तो शायद (2019 का लोकसभा) चुनाव इधर से उधर हो सकता है. मैं सॉफ्ट टारगेट हूं.’ मेहुल ने कहा, ‘बैंक को बचाने के लिए मुझे बलि का बकरा बना दिया गया. अगर देखेंगे तो मेरी ये कंपनियां इस बैंक के साथ शायद 1995 से जुड़ी थीं. आज तक मेरी बैंक के साथ कोई समस्या नहीं हुई. जो कुछ भी था, वह बैंक की ओर से आरबीआई को रिपोर्ट करने की व्यवस्था में शिथिलता का था.’ उन्होंने दावा किया कि गलती बैंक की थी और उसे बचाने के लिए मुझे ‘कुर्बान’ कर दिया गया.

मेहुल ने कहा, ‘जब पहली बार 29 जनवरी को शिकायत की गयी तो मैं हैरत में पड़ गया. मैं अमेरिका में इलाज करा रहा था. मैं 1998 से 2000 तक ही नीरव मोदी की कंपनी में था. उसके बाद मेरा उससे कोई कारोबारी रिश्ता नहीं रहा.’ इस मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी, चौकसी का भांजा है. उन्होंने कहा, ‘जब नीरव मोदी की कुछ कंपनियों पर पीएनबी ने कार्रवाई की तो उसकी एक कंपनी में नाम होने की वजह से मुझ पर कार्रवाई होने लगी. मेरी कंपनी में प्रत्यक्ष या परोक्ष तौर पर करीब 6 हजार लोग काम करते थे. हिंदुस्तान में कभी ऐसा हुआ ही नहीं कि एक दिन में किसी कंपनी को बिना जांच के बंद कर दिया जाये. यह सब सरकार के ऊपर दबाव के कारण हुआ.’

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