रोहिंग्या मामला: सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार, सात रोहिंग्या भेजे जाएंगे म्यांमार

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार को सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक नयी याचिका दायर की गयी जिसपर आज सुनवाई हुई. मामले में केंद्र सरकार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि सात रोहिंग्याओं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2018 11:06 AM
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नयी दिल्ली : केंद्र सरकार को सात रोहिंग्या लोगों को म्यांमार वापस भेजने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक नयी याचिका दायर की गयी जिसपर आज सुनवाई हुई. मामले में केंद्र सरकार के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि सात रोहिंग्याओं को अवैध आप्रवासी पाया गया और म्यांमार ने उन्हें अपने नागरिक के रूप में स्वीकार कर लिया है. रोहिंग्याओ के निर्वासन पर कोर्ट ने कहा कि हम किये जा चुके फैसले में दखल देने के इच्छुक नहीं हैं. केंद्र ने कोर्ट से कहा कि सात रोहिंग्याओं को विदेशी अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था.

केंद्र ने कहा कि म्यामां ने सात रोहिंग्याओं के निर्वासन को सुगम बनाने के लिए एक महीने का वीजा और पहचान प्रमाण पत्र जारी किया है. प्रशांत भूषण ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट को रोहिंग्याओं के जीवन के अधिकार की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए जिसपर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारी का अहसास है और किसी को इसे याद दिलाने की आवश्‍यकता नहीं है.

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