मोदी और पुतिन के बीच वार्ता आज, जानें अमेरिका को क्यों लगी मिर्ची

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे. पुतिन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी अगवानी की. 19वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन यहां शुक्रवार को होगा. भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 5, 2018 7:55 AM
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नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार को यहां पहुंचे. पुतिन के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी अगवानी की. 19वां भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन यहां शुक्रवार को होगा. भारत और रूस की इस मित्रता से अमेरिका नाराज नजर आ रहा है और उसने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध की चेतावनी दी है.

एस-400 पर होगा करार

रूसी रक्षा कंपनियों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों के मद्देनजर मोदी और पुतिन के इसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा करने की उम्मीद है. यात्रा के दौरान जोर ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल प्रणाली समझौते पर होगा. यह करार पांच अरब डॉलर का होगा. दोनों नेताओं के ईरानी कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों सहित प्रमुख क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सरकारी आवास पर पुतिन के लिए व्यक्तिगत रात्रिभोज का आयोजन किया. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग और रणनीतिक मुद्दों सहित अन्य ज्वलनशील मुद्दों पर चर्चा हुई. इससे पहले, मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर पुतिन का स्वागत किया. मोदी ने रूसी और अंग्रेजी भाषाओं में ट्वीट किया, भारत में आपका स्वागत है राष्ट्रपति पुतिन. हमारी बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे.

VIDEO : पीएम मोदी के साथ शिखर वार्ता के लिए भारत पहुंचे पुतिन, सुषमा ने की अगवानी


पुतिन की यात्रा से चिढ़ा यूएस, दी प्रतिबंध की धमकी

अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों को रूस के साथ किसी तरह के महत्वपूर्ण खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध की चेतावनी दी है. अमेरिका ने ऐसे किसी भी समझौते की दिशा में बढ़ने से आगाह किया है और संकेत दिया है कि ऐसे मामले में वह प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर सकता है. अमेरिका की यह चेतावनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले आयी है जिसमें दोनों देशों के बीच हथियार प्रणालियों का बड़ा समझौता होने की संभावनाएं जतायी जा रही हैं. भारत रूस से उसकी एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने को उत्सुक है. अमेरिका का कहना है कि रूस के साथ एस-400 प्रक्षेपास्त्र प्रणाली खरीदने के लिए किया जाने वाला समझौता रूस के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता माना जायेगा. अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस के साथ किसी देश पर दंडनीय प्रतिबंध लगाने के लिए काफी है. भारत के रूस से एस-400 प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली को खरीदने की योजना के बारे में सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने संकेत दिया है कि सीएएटीएसए की धारा 231 लगाये जाने के मामले में मुख्य ध्यान क्षमता में नया या गुणात्मक उन्नयन को देखा जाता है. इसमें एस-400 भी शामिल है. भारत और रुस के बीच हो रही बातचीत में भारत और रूस के बीच इस प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को खरीदने के कई अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.

रूस के साथ लेन-देन करने से बचे भारत: अमेरिका

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अपने सभी सहयोगी और साझेदारों से अनुरोध करते हैं कि वह रूस के साथ किसी तरह के लेनदेन से बचें ताकि उन पर सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंध नहीं लगाना पड़े. भारत के रूस से एस-400 प्रक्षेपास्त्र रक्षा प्रणाली पर सरकार ने कहा है कि सीएएटीएसए की धारा 231 लगाये जाने के मामले में विचार किया जायेगा.

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अमेरिका में 2016 में बना था सीएएटीएसए अधिनियम
अमेरिकी सरकार अमेरिका के विरोधियों से प्रबिबंधों के माध्यम से मुकाबला करने का अधिनियम (सीएएटीएसए) के तहत ईरान, उत्तर कोरिया और रूस के साथ महत्वपूर्ण व्यापारिक लेनदेन करने वाले देश पर प्रतिबंध लगा सकती है. इस अधिनियम के तहत अमेरिका प्रतिबंधित देशों, खास कर रूस के तेल एवं गैस उद्योग, रक्षा एवं सुरक्षा उद्योग और वित्तीय संस्थान उद्योग से जुड़े हितों को लक्ष्य पर रखता है. अमेरिका ने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप और यूक्रेन में उसके सैन्य हस्तक्षेप की पृष्ठभूमि में यह अधिनियम लागू किया था.

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